HI/750621b सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कृष्ण हमारी मदद कर रहे हैं। इसका लाभ उठाएं। (विराम) व्यासदेव ने इस उद्देश्य से श्रीमद-भागवतम का संकलन किया। अनर्थ उपसमं साक्षाद भक्ति-योगम अधोक्षज (श्री. भा. १.७.६)। ये लोकस्य अजानत:, लोग अज्ञानता के कारण पीड़ित हैं, इसलिए उन्हें उचित ज्ञान देने के लिए, उन्होंने यह श्रीमद-भागवतम बनाया। (विराम) व्यासदेव से अधिक ज्ञानी कौन हो सकता है? इसलिए उन्हें विद्वान के रूप में जाना जाता है, सबसे सर्वोच्च विद्वान। उन्होंने श्रीमद-भागवतम रचित किया इन दुष्टों की मदद करने के लिए जो केवल इन्द्रियतृप्ति में अपना जीवन गवां कर रहे हैं। (विराम) जीवन तपस्या के लिए है। तपो दिव्यम पुत्रका येना शुद्धयेद (श्री. भा. ५.५.१)। वे नहीं जानते कि हमारी अस्तित्वगत स्थिति अशुद्ध है। प्रश्न ही नहीं उठता कि "मैं मरना नहीं चाहता। मृत्यु क्यों आती है?"

वे इतने मंद बुद्धि वाले हैं, यह सवाल नहीं . . . वे इतने सारे प्रश्नों को हल करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनके मन में यह सवाल नहीं उठता कि "मैं मरना नहीं चाहता। मृत्यु मुझ पर क्यों थोपी गई है?" पूछताछ।"

750621 - सुबह की सैर - लॉस एंजेलेस