HI/750722 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जीव् को सत्व-गुण की गुणवत्ता में आना होगा, तब वह खुश होगा; अन्यथा कोई संभावना नहीं है। काम-लोभादयस च ये। यदि हम रजस की गुणवत्ता और तमस की गुणवत्ता में रहते हैं, तो शांति का कोई सवाल ही नहीं है। और वे शांति लाने की कोशिश कर रहे हैं, जीवों को तमो-गुण और रजो-गुण में रखते हुए। जैसे अगर आप एक दर्जन कुत्तों को लाते हैं, और अगर आप उन्हें सिखाते हैं, "कृपया शांति से रहें," क्या वे करेंगे? क्या यह संभव है? नहीं। कुत्ता बना है, उसे भौंकना चाहिए।"
750722 - प्रवचन श्री. भा. ०६.०१.४१ - लॉस एंजेलेस