HI/750927 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद अहमदाबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यदि नेता धूर्त हैं, तो वे धूर्त हैं। यदि पिता धूर्त है, तो पुत्र धूर्त है। इसलिए भागवत कहता है कि, "यदि तुम धूर्त हो, तो पिता मत बनो।" पिता न स स्यात, न मोचयेंद य समुपेत-मृत्युम (श्री. भा. ५.५.१८ )। "अगर तुम धूर्त हो, तो माँ मत बनो।" जनसंख्या को रोको।"
750927 - सुबह की सैर - अहमदाबाद