HI/760321 सुबह की सैर - श्रील प्रभुपाद मायापुर में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

Revision as of 15:37, 30 January 2022 by Meghna (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"भक्ति कैले सर्व-कर्म कृत हया (चै.च. मध्य २२.६२)। हमें सदैव इस बात पर आश्वस्त होना चाहिए कि यदि हम केवल कृष्ण द्वारा दिए गए ज्ञान को ग्रहण करते हैं, तो हम पूर्ण हैं। बस इतना ही। यदि अन्य स्वामियों और योगियों से मेरी सफलता थोड़ी ज़्यादा है, तो मेरा दृढ विश्वास इसका कारण है। क्योंकि मैंने कभी भी ऐसे किसी भी तत्व के साथ समझौता नहीं किया, जो कृष्ण के द्वारा प्रदान किया गया हो।"
760321 - सुबह की सैर - मायापुर