HI/760819 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद हैदराबाद में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"लोग मुझे श्रेय दे रहे हैं कि मैंने चमत्कार किया है, लेकिन मेरा चमत्कार यह है कि मैंने चैतन्य महाप्रभु के संदेश को लोगों तक पहुँचाया : यारे देखा तारे कहा कृष्ण-उपदेषा (चै.च. मद्य ०७.१२८)
[[ तो यह गोपनीयता है। तो आप में से कोई भी, आप गुरु बन सकते हैं। ऐसा नहीं है कि मैं एक असाधारण आदमी हूं, किसी रहस्यमयी जगह से आने वाला एक असाधारण भगवान। ऐसा नहीं है-यह बहुत ही साधारण बात है। चैतन्य महाप्रभु कहते हैं कि यारे देखा तारे कहा कृष्ण-उपदेषा। इसलिए मैं आपसे निवेदन करता हूं, चैतन्य महाप्रभु के निर्देश का पालन करें कि आप भी, आप अपने घर में एक गुरु बनिए। ऐसा नहीं है कि आपको गुरु बनने का विशाल दिखावा करना है। पिता को गुरु बनना है, माता को गुरु बनना है। वास्तव में, शास्त्र में यह कहा गया है कि किसी को पिता या माता नहीं बनना चाहिए, अगर वह अपने बच्चों के लिए गुरु नहीं बन सकता है।"|Vanisource:760819 - Lecture Festival Appearance Day, Sri Vyasa-puja - Hyderabad]]