HI/770415 - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"ज्ञान-खल। सरस्वती ज्ञान-खले यथा सती (श्री भाग १०.२.१९). श्रीमद भागवतम में ऎसा एक श्लोक है। ज्ञान-खले। यदि आपके पास ज्ञान है तो आपको उसे सबके साथ बांटना चाहिए। उत्तम ज्ञान को छुपाकर रखने के बजाय उसे बाटने से आपका गौरव और बढ़ जायेगा। तो भारत के पास आध्यात्मिक ज्ञान का महासागर है परन्तु हमने उसे बांधकर रख दिया। सभी लोग पाश्चात्य देश की नक़ल उतारने में लगे है जबकि वहा के निवासियों की जीवन शैली कुत्तो जैसी है। इसी विषय की ओर मै आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता था। ऎसे समाज व्यवस्था से कोई लाभ नहीं। हमे कुछ इंतज़ाम करना होगा ताकि भारत के इस महान ज्ञान को वितरित किया जा सके।"
770415 - बातचीत - बॉम्बे