HI/770417 - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"आपको ग्रन्थ पढ़ने की आवश्यकता नहीं। हम केवल यह केहते है की आप आओ , हरे कृष्ण महामंत्र का जप करो और प्रसाद पाओ। यही असली उपचार है। यह सारे विदेशी लोग मेरे ग्रंथो को पढ़के मेरे पास नहीं आये थे। सबसे पहले तो मैंने उन्हें आमंत्रित किया, "आओ, हरे कृष्ण का जप करो और प्रसाद पाओ।" फिर धीरे-धीरे बाकि चीज़े होती गई। यही उपचार है। "
770417 - बातचीत A - बॉम्बे