HI/770428b - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"हमे यह बहुमूल्य जीवन प्राप्त हुआ है। इसका क्या उपयोग कर रहे है हम ? लोग वही करते है जो चीटियाँ कर रही है। फिर हमारे और उनके जीवन में क्या अंतर हुआ ? अतः कृष्ण आते है सबको समझने के लिए की यह हमारा वास्तविक कार्य नहीं है। हमारा वास्तविक कार्य तो कृष्ण के प्रति शरणागत होना है। सर्व धर्मान परित्यज्य (भ गी १८.६६). भौतिक समस्याएं अपने आप सुलझ जाएँगी। पर ये लोग भगवद गीता का उपयोग भौतिक समस्याओं का समाधान पाने के लिए करते है।"
770428 - बातचीत B - बॉम्बे