HI/770509 - श्रील प्रभुपाद ऋषिकेश में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

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HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"ईशावास्यम इदं सर्वं (ईशोपनिषद १). वास्तव में सब कुछ भगवान कृष्ण की संपत्ति है और हम उनके संतान है। कृष्ण ने कभी ये नहीं कहा की केवल भारतीय लोग उनके संतान है। बल्कि उन्होंने तो कहा, सर्व योनिषु कौन्तेय (बी जी १४.४): "प्रत्येक योनि में भौतिक प्रकृति ही जीव की माता होती है और मै बीज प्रदान करने वाला पिता हूँ।" इसलिए सम्पूर्ण समाज व्यवस्था को भगवान कृष्ण के निर्देशों पर आधारित होना चाहिए। तब सारे मनुष्य अपने आप प्रसन्न हो जायेंगे। इसके अतिरिक्त और कोई मार्ग नहीं।"
770509 - बातचीत - ऋषिकेश