HI/Prabhupada 0485 - तो कृष्ण द्वारा बनाई गई कोई भी लीला, भक्तों द्वारा समारोहपूर्ण रूप में मनाई जाती है

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Lecture -- Seattle, October 18, 1968

मेहमान: मैं चाहता हूँ कि अाप बताऍ उत्पत्ति और उसका महत्व, जिसे वे जगन्नाथ रथयात्रा त्योहार कहते हैं ।

प्रभुपाद: जगन्नाथ त्योहार का महत्व यह है, जब कृष्ण नें वृन्दावन को छोड़ा । कृष्ण का पालन किया उनके पालक पिता, नंद महाराज नें । लेकिन जब वे बड़े हो गए, १६ वर्ष के, उन्हे उनके असली पिता वसुदेव ले गए, और उन्होंने वृन्दावन छोड़ दिया, कृष्ण और बलराम, दो भाई, और... वे निवासी थे... उनका राज्य द्वारका में था । तो कुरुक्षेत्र में - कुरुक्षेत्र हमेशा धर्म-क्षेत्र है, तीर्थ - तब कुछ चंद्र, सूर्य ग्रहण था, और भारत के कई भागों से कई व्यक्ति, वे स्नान लेने के लिए आए थे । इसी तरह, कृष्ण और बलराम और उनकी बहन सुभद्रा, वे भी शाही अंदाज़ में आए, कई सैनिकों के साथ, और इतने सारे... जैसे राजा की तरह ।

तो वृन्दावन के ये निवासी, वे कृष्ण से मिले, और विशेष रूप से गोपियॉ, उन्होंने कृष्ण को देखा, और उन्होंने विलाप किया, "कृष्ण, तुम यहाँ हो, हम भी यहॉ हैं, लेकिन जगह अलग है । हम वृन्दावन में नहीं हैं ।" तो यह एक लंबी कहानी है कि कैसे उन्होंने विलाप किया अौर कैसे कृष्ण नें उन्हें शांत किया । यह जुदाई की भावना है, कैसे वृन्दावन के निवासी कृष्ण से जुदाई महसूस कर रहे थे । तो यह... जब कृष्ण रथ पर आए, उसे रथ-यात्रा कहा जाता है । यह रथ-यात्रा का इतिहास है । तो कृष्ण की कोई भी लीला, भक्तों द्वारा समारोहपूर्ण रूप में मनाई जाती है । तो यह रथ-यात्रा है ।