HI/Prabhupada 0560 - जब तक कोई नैतिक चारित्र्य को स्वीकार नहीं करता है, हम दीक्षा नहीं देते हैं

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Press Interview -- December 30, 1968, Los Angeles

पत्रकार: ... ब्रह्मांडीय स्टार और हमने हाल ही में जनवरी के लिए नाम बदल दिया है, पहला प्रकाशन । पहला प्रकाशन तो, यह निकला है, आज प्रिंटर से ।

प्रभुपाद: यह हर महीने प्रकाशित किया जाता है?

पत्रकार: मासिक, हां, यह सही है, सही है । और हम पूर्वी धर्मों को आवृत्त करते हैं । हमनें इस महीने एक फीचर लेख किया बिशप जेम्स पाईक, यूएफओ, ज्योतिष पर । आप जानते हैं, डा. बोड, फ़्रेम्ब्रोज़ बोड को... वे मैनले हॉल के साथ हैं । आप मैनले हॉल से परिचित हैं?

प्रभुपाद: नहीं ।

पत्रकार: आप फ़्रेम्ब्रोज़ बोड को नहीं जानते हैं?

प्रभुपाद: नहीं ।

पत्रकार: वे भारत से हैं । पारसी ।

प्रभुपाद: ओह अच्छा । पारसी, हाँ ।

पत्रकार: वे अगले महीने हमारे लिए एक लेख लिखेंगे । लेकिन मैंने डैन से बात की है और उससे कहा है कि एक बात जो मैं आप से पूछना चाहूँगा, और मुझे लगता है कि हमारे पाठकों में से कई, और अमेरिका में कई लोग बहुत भ्रमित हैं कई लोगों के अवतार होने के दावे के साथ और जो इस देश में आते हैं भारत से, एक के बाद एक के बाद एक, और वे कहते हैं...

प्रभुपाद: मैं घोषणा कर सकता हूँ, वे सब बकवास हैं ।

पत्रकार: यही तो... मैं चाहता था... अगर आप उस पर कुछ अौर अधिक विस्तार से बताऍ ।

प्रभुपाद: और मैं इसके अलावा कह सकता हूँ, वे सब दुष्ट हैं ।

पत्रकार: उदाहरण के लिए महर्षि...

प्रभुपाद: वह बदमाश नंबर एक था । मैं सार्वजनिक रूप से कहता हूँ ।

पत्रकार: आप इस पर विसतार से कह सकते हैं, मुझे थोडा पूर्व ज्ञान दिजिए अौर क्यों, क्योंकि हमारे पाठक...

प्रभुपाद: मैं नहीं जानता, लेकिन उसके व्यवहार से मैं समझ सकता हूँ कि वह एक नंबर का बदमाश हैं | मैं उसके बारे में पता करना पसंद नहीं करता, लेकिन उसने जो किया... लेकिन यह आश्चर्यजनक बात है कि पश्चिमी देशों में लोग, वे इतने उन्नत माने जाते हैं । कैसे वे इन दुष्टों से धोखा खा रहे हैं?

पत्रकार: ठीक है, मैं समझता हूँ कि लोग वही मानते ​​हैं जो वह मानना चाहते हैं । वे कुछ तलाश कर रहे हैं, और वह आता है...

प्रभुपाद: हाँ । लेकिन वे बहुत सस्ता चाहते हैं । यही उनकी गलती है ।

पत्रकार: हाँ ।

प्रभुपाद: अब हमारे शिष्यों के लिए, हम कुछ भी सस्ता नहीं देते । हमारी पहली शर्त चरित्र है, नैतिक चरित्र । आप देखते हैं? जो जब तक कोई नैतिक चरित्र को स्वीकार नहीं करता है, हम दीक्षा नहीं देते हैं, इस संस्था में उसे अनुमति नहीं देते हैं । और यह महर्षि कहता है "ओह, तुम जो मर्जी हो वो करो । तुम बस मुझे पैंतीस डॉलर का भुगतान करो और मैं तुम्हे कुछ मंत्र देता हूँ ।" आप देखते हैं । तो लोग धोखा खाना चाहते थे, और इसलिए कई धोकेबाज़ अाए । वे किसी अनुशासनात्मक कार्रवाई से गुजरना नहीं चाहते हैं, आप देखते हैं? कुछ भी । उनके पास पैसा है । वे सोचते हैं " मैं भुगतान करूँगा," और तुरंत उसे पैसा मिल जाता है ।

पत्रकार: त्वरित स्वर्ग ।

प्रभुपाद: हाँ । यही उनकी स्थिति है । वैसे ही जैसे लोग चंद्र ग्रह पर जाने की कोशिश कर रहे हैं । मैंने अपनी राय दे दी है । आपने लॉस एंजलिस टाइम्स में देखा है? यह संभावना बहुत दूर की बात है ।

पत्रकार: ओह ?

प्रभुपाद: हाँ । क्यों नहीं ? अापके देश में मान लीजिए, आप्रवास के लिए कुछ कोटा है । इस ग्रह के भीतर, अगर कोई आता है, अापके आव्रजन विभाग के आदेश के बिना, कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है । आप कैसे उम्मीद करते हैं कि उस ग्रह में जहां के लोग और अधिक उन्नत हैं, उन्हें देवता कहा जाता है, वे दस हजार वर्षों के लिए जीते हैं, कैसे अाप उम्मीद करते हैं कि अाप जाअोगे अौर तुरंत चंद्र ग्रह में प्रवेश मिलेगा ? और वे टिकट, आरक्षण बेच रहे हैं । आप देखते हैं ? हर चीज़ का वे मज़ाक बना देते हैं ।