HI/Prabhupada 0569 - "स्वामीजी, मुझे दिक्षा दो ।" मैं तुरंत कहता हूँ "आपको इन चार सिद्धांतों का पालन करना होगा"

Revision as of 17:43, 1 October 2020 by Elad (talk | contribs) (Text replacement - "(<!-- (BEGIN|END) NAVIGATION (.*?) -->\s*){2,15}" to "<!-- $2 NAVIGATION $3 -->")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)


Press Interview -- December 30, 1968, Los Angeles

हयग्रीव: शंख ।

पत्रकार: मैने सोचा यह एक शोफर था ।

प्रभुपाद: वह क्या है ? शोफर ?

पत्रकार: यहूदीयों की तरह ।

प्रभुपाद: यह शंख शुभ माना जाता है । हां । वास्तव में यह शंख बज रहा है, हाँ । तो भगवान को भोग चढाने के बाद, हम शंख बजाते हैं ।

पत्रकार: मुझे लगता है मैंने वास्तव में मुख्य सवाल पूछ लिया है । मुख्य सवाल नहीं, पर मैं जो जानना चाहता था, फिर से, क्यों यह, और महर्षि जैसे लोगों के बारे में, जिसने मुझे अौर कई अन्य लोगों को परेशान किया । मेरी बेटी कुछ समय के लिए उस तरह की चीज़ो में बहुत शामिल थी, और वह बहुत ज्यादा निराश है ।

प्रभुपाद: हाँ । मनोविज्ञान यह है कि अापके लोग, सभी पश्चिमी लोग, खासकर युवा, वे किसी बात के लिए उत्कंठित हैं, आप देखते हैं? लेकिन कठिनाई यह है... जैसे कि मैं । अगर कोई कहता है, "स्वामीजी, मुझे दिक्षा दो ।" मैं तुरंत कहता हूँ "आपको इन चार सिद्धांतों का पालन करना होगा" और वह चला जाता है । और ये महर्षि, वह कोई भी प्रतिबंध नहीं डालता है, आप समझ रहे हैं? जैसे एक चिकित्सक की तरह, अगर वह कहता है कि, "आपका जो मन करे करो । आप मेरी दवाई लो, आप ठीक हो जाअोगे ।" वह चिकित्सक बहुत पसंद आएगा । आप देखते हैं?

पत्रकार: हाँ । वह बहुत से लोगों को मार देगा, लेकिन वह बहुत पसंद किया जाएगा ।

प्रभुपाद: हाँ । (हंसते हुए) और जो चिकित्सक कहता है, "ओह, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, आप इसे खा नहीं सकते हैं," यह एक परेशानी है । तो वे कुछ चाहते हैं । यह एक तथ्य है । लेकिन उसी समय, वे कुछ बहुत सस्ता चाहते हैं । इसलिए धोख़ेबाज़ आते हैं और उन्हें धोखा देते हैं । वे अवसर लेते हैं । "ये लोग धोखा खाना चाहते हैं । ओह हमें लाभ लना चाहिए ।" आप देखते हैं । अन्यथा, वे सलाह दे रहे हैं, "आप भगवान हैं, हर कोई भगवान है ।" अाप अपना अात्मसाक्षात्कार करें, आप भूल गए हैं । आप इस मंत्र को लो, और अाप भगवान हो जाअो और अाप शक्तिशाली हो जाअो । आप जो भी चाहे, आप नियंत्रित कर सकते हैं । और इंद्रियों का कोई नियंत्रण नहीं है । आप पी सकते हैं, अप्रतिबंधित यौन जीवन कर सकते हैं और जो कुछ भी आप चाहें ।" यह लोगों को पसंद है ।

"ओह, बस पंद्रह मिनट के ध्यान से, मैं, भगवान हो जाऊँगा, और मुझे केवल पैंतीस डॉलर का भुगतान करना होगा ।" तो कई लाखों लोग तैयार हो जाएँगे, "ओह, मुझे करना है ।" मेरा मतलब है, अापके देश में पैंतीस डॉलर ज्यादा नहीं है... लेकिन इतना, पैंतीस लाख से गुना, यह साड़े तीन करोड़ डॉलर हो जाता है । (हंसते हुए) अौर हम यहां रो रहे हैं क्योंकि हम धोखा नहीं दे सकते हैं । हम कहते हैं कि अगर आप वास्तव में चाहते हो, तो आपको इन प्रतिबंधों का पालन करना होगा । हम आप को अनुमति नहीं दे सकते कि निर्देश है "अाप मारोगे नहीं," और मैं कहता हूँ "हाँ, मार सकते हो । जानवर को महसूस नहीं होता । पशु की कोई आत्मा नहीं होती है ।" हम इस तरह से धोखा नहीं दे सकते हैं । आप देखते हैं ।

पत्रकार: अच्छा यही सब कुछ मैं जानना चाहता था । यह दुख की बात है कि इस तरह की बात नें, जैसा कि में कहता हूँ, कई बच्चों को निराश कर दिया है, बहुत मोहभंग युवा लोग हैं क्योंकि...

प्रभुपाद: तो हमें मदद करने के लिए प्रयास करें । यह आंदोलन बहुत अच्छा है । यह मानवता की मदद करेगा । यह अापके देश को, पूरे मानव समाज को मदद करेगा । यह एक वास्तविक आंदोलन है, कुछ भी धोखा नहीं है, कुछ भी धोखा नहीं है । यह अधिकृत है । इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूँ क्योंकि...

पत्रकार: किसके द्वारा अधिकृत?

प्रभुपाद: श्री कृष्ण से प्राधिकृत ।

पत्रकार: क्या भारत में राज्य सरकार के तहत कोई लाइसेंस विभाग है लोगों के उपदेश देने के लिए या... आप इसे यहाँ कैसे कहेंगे?

प्रभुपाद: वो नहीं था क्योंकि भारत में कई चर्च हैं, और वे बहुत साधु व्यक्ति होने चाहिए । तो बस एक साधु व्यक्ति का एक शिष्य बनना ही पर्याप्त प्रमाण पत्र है । जैसे अापके देश में, विवाह के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता है । भारत में अब भी कोई प्रमाण पत्र नहीं है । लड़के और लड़किया, उन्हे बिठाया जाता है, रिश्तेदारों और पुजारी और बुजुर्ग व्यक्तियों के समक्ष । उन्हें पेश किया जाता है । मैं कर रह हूँ । कोई प्रमाण पत्र नहीं है । लेकिन फिर भी उनका संबंध आजीवन है ।

प्रमाण पत्र क्या करेगा ? वह समारोह इतना अच्छा है, पत्नी कहती है "अजीवन मेरा पति" और पति पत्नी को ग्रहण करता है, "यह आजीवन मेरी साथी है ।" वे अलग नहीं हो सकते हैं । भारत में कोई इतिहास नहीं है कि प्रमाण पत्र जारी किया गाया हो । नहीं । लेकिन फिर भी, उनका संबंध इतना अच्छा है, जीवन भर का । अब, वे पाश्चात्य होते जा रहे हैं, विशेष रूप से मुझे कहने में बहुत अफसोस है कि हाल ही में हमारे तथाकथित पाश्चात्य नेता वे इस हिन्दू कोड बिल को पेश कर रहे हैं, यह शादी का प्रमाण पत्र, और यह अौर वह । लेकिन पूर्व में वे मौजूद नहीं थे ।