HI/Prabhupada 0573 - मैं किसी भी भगवद भावनाभावित व्यक्ति के साथ बात करने के लिए तैयार हूँ: Difference between revisions

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प्रभुपाद: अब मैंने पोप को एक पत्र लिखा है । अापने देखा है? कहाँ है वह कागज ?
प्रभुपाद: अब मैंने पोप को एक पत्र लिखा है । अापने देखा है? कहाँ है वह कागज ?  


हैयग्रव: यहाँ है ।
हयग्रव: यहाँ है ।  


पत्रकार: ओह, पोप को लिखा गया पत्र । उन्होंने जवाब दिया ?
पत्रकार: ओह, पोप को लिखा गया पत्र । उन्होंने जवाब दिया ?  


प्रभुपाद: नहीं, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । क्या यह इस पत्र में है? नहीं, इस पत्र में नहीं । कहां है नवीनतम ? वहाँ कौन है? एक नवीनतम लाने के लिए कहो । हाल ही का लेकर अाअो एक, हाँ । तो हमने पत्र, लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । कैसे ? [तोड़ ...]
प्रभुपाद: नहीं, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । क्या यह इस पत्र में है? नहीं, इस पत्र में नहीं । सबसे नया कहां है ? वहाँ कौन है? सबसे नया लाओ | हाल ही का लेकर अाअो एक, हाँ । तो हाल ही में हमने पत्र लिखा है, लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । कैसे ? [तोड़...]  


प्रभुपाद: मैं हर किसी के साथ सहयोग करना चाहता हूँ लेकिन वे मना कर रहे हैं । मैं क्या कर सकता हूँ ? मैं किसी भी भगवान के प्रति जागरूक व्यक्ति के साथ बात करने के लिए तैयार हूँ । चलो हम एक कार्यक्रम तैयार करते हैं ताकि लोगों को लाभ हो, लेकिन वे अपने स्वयं के रूढ़िबद्ध तरीके से चलना चाहते हैं । अगर हम देखते हैं कि एक विशेष प्रकार के धार्मिक सिद्धांत का अनुसरण करने से देवत्व के लिए प्रेम विकसित हो रहा है तो वही प्रथम श्रेणी का धर्म है । लेकिन अगर एक दानव या कुबेर के लिए प्रेम विकसित हो रहा हो तो फिर धर्म कहां है?
प्रभुपाद: मैं हर किसी के साथ सहयोग करना चाहता हूँ लेकिन वे मना कर रहे हैं । मैं क्या कर सकता हूँ ? मैं किसी भी भगवद भावनाभावित व्यक्ति के साथ बात करने के लिए तैयार हूँ । चलो हम एक कार्यक्रम तैयार करते हैं ताकि लोगों को लाभ हो, लेकिन वे अपने स्वयं के रूढ़िबद्ध तरीके से चलना चाहते हैं । अगर हम देखते हैं कि एक विशेष प्रकार के धार्मिक सिद्धांत का अनुसरण करने से भगवान के लिए प्रेम विकसित हो रहा है तो वही प्रथम श्रेणी का धर्म है । लेकिन अगर एक दानव या कुबेर के लिए प्रेम विकसित हो रहा हो तो फिर धर्म कहां है? पत्रकार: यह सच है ।


पत्रकार: यह सच है ।
प्रभुपाद: (हंसते हुए) आप देखते हैं यही हमारी परीक्षा है । अगर आपने विकसित किया है, तो... हम नहीं कहते हैं की आप ईसाई धर्म या मुसलमान धर्म या यहूदी धर्म यह हिंदू धर्म का पालन करो - हम नहीं कहते । क्या आप भगवान के लिए अपने प्रेम को विकसित कर रहे हैं या नहीं । लेकिन वे इनकार करते हैं "ओह, मैं भगवान हूँ ? कौन भगवान है? मैं भगवान हूँ ।" आप देखते हैं ? हर किसी को आजकल पढ़ाया जा रहा है कि हर कोई भगवान है । ज़रा मज़ा देखो । हर कोई भगवान है । आप ऐसा सोचते हैं ?


प्रभुपाद: (हंसते हुए) आप देखते हैं यही हमारी परीक्षा है । अगर आपने विकसित किया है, तो ... हम नहीं कहते हैं िक आप ईसाई धर्म या मुसलमान धर्म या यहूदी धर्म यह हिंदू धर्म का पालन करो - हम नहीं कहते । क्या आप देवत्व के अपने प्रेम को विकसित कर रहे हैं या नहीं । लेकिन वे इनकार करते हैं "ओह, मैं भगवान हूँ ? कौन भगवान है? मैं भगवान हूँ ।" आप देखते हैं ? हर किसी को आजकल पढ़ाया जा रहा है कि हर कोई भगवान है । मज़ा देखो । हर कोई भगवान है । आप ऐसा सोचते हैं ?
पत्रकार: आप मेहर बाबा को जानते हैं ?  


पत्रकार: आप मेहर बाबा को जानते हैं ?
प्रभुपाद: वह भी एक और बदमाश है । वह प्रचार कर रहा है कि हर कोई भगवान है ।


प्रभुपाद: वह भी एक और बदमाश है वह प्रचार कर रहा है कि हर कोई भगवान है ।
पत्रकार: वह कहता है कि वह भगवान है ।  


पत्रकार: वह कहता है कि वह भगवान है ।
प्रभुपाद: वह भगवान है । जरा देखो । यह चल रहा है ।  


प्रभुपाद: वह भगवान है । जरा देखो । यह चल रहा है ।
पत्रकार: आप उसे जानते हैं ?


पत्रकार: आप उसे जानते हैं ?
प्रभुपाद: मैंने उसका नाम सुना है । मैं इन लोगों को जानने की परवाह नहीं करता । वह कुछ प्रचार कर रहा है कि वह भगवान है ।


प्रभुपाद: मैंने उसका नाम सुना है । मैं इन लोगों को जानने की परवाह नहीं करता । वह कुछ प्रचार कर रहा है कि वह भगवान है ।
पत्रकार: वह कहता है कि उसने चालीस साल से, पैंतालीस साल से, बात नहीं की है ।  


पत्रकार: वह कहता है कि उसने पैंतालीस साल से बात नहीं की है., चालीस वर्ष ।
प्रभुपाद: इसका  मतलब है कि लोगों को पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । अगर मैं तुम्हारे पास आता हूँ, अगर मैं कहता हूँ कि मैं राष्ट्रपति जॉनसन हूँ, तो क्या अाप मुझे स्वीकार करेंगे ?


प्रभुपाद: इसका मतलब है कि लोगों को पता नहीं है कि भगवान क्या हैं अगर मैं तुम्हारे पास आता हूँ, अगर मैं कहता हूँ कि मैं राष्ट्रपति जॉनसन हूँ, तो क्या अाप मुझे स्वीकार करेंगे ?
पत्रकार: नहीं (हंसते हुए) मुझे नहीं लगता कि मैं करूँगा ।  


पत्रकार: नहीं (हंसते हुए) मुझे नहीं लगता कि मैं करूँगा
प्रभुपाद: लेकिन ये लोग, दुष्ट, उसे भगवान के रूप में स्वीकार करेंगे क्योंकि उन्हे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । यही दोष है । हमें पता है कि भगवान क्या हैं, इसलिए हम किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं कर सकते हैं जो घोषणा करता है कि वह भगवान है । यह अंतर है ।  


प्रभुपाद: लेकिन ये लोग, दुष्ट, उसे भगवान के रूप में स्वीकार करेंगे क्योंकि उन्हे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । यही दोष है । हमें पता है कि भगवान क्या हैं, इसलिए हम किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं कर सकते हैं जो घोषणा करता है कि वह भगवान है । यह अंतर है ।
पत्रकार: वैसे यह पूरी तरह बेतुका है कि कोई भी आता है और वह कहता है अापसे कि वह भगवान है |


पत्रकार: वैसे यह पूरी तरह बेतुका है कि कोई भी आता है और वह कहता है अापसे कि वह भगवान है
प्रभुपाद: लेकिन वह कितना बदमाश है जो उसे भगवान के रूप में स्वीकार करता है । वह बदमाश नंबर एक है । वह एक बेईमान और जो धोखा खाता है वह भी एक और बदमाश है । उसे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । कोई भी भगवान बन कर अाता है, भगवान  इतने सस्ते हो गए हैं कि वे बाजार में उपलब्ध हैं, हर जगह ।


प्रभुपाद: लेकिन वह कितना बदमाश है जो उसे भगवान के रूप में स्वीकार करता है । वह बदमाश नंबर एक है । वह एक बेईमान और जो धोखा खाता है वह भी एक और बदमाश है । उसे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । कोई भी भगवान बन कर अाता है, भगवान इतने सस्ते हो गए हैं कि वे बाजार में उपलब्ध हैं, हर जगह
पत्रकार: बेशक पश्चिमी अवधारणा यह है कि आदमी भगवान की छवि से बनाया गया है, फलस्वरूप भगवान आदमी की तरह हि दिखते होंगे, तो कोई भी आदमी भगवान हो सकता है ।  


पत्रकार: बेशक पश्चिमी अवधारणा यह है कि आदमी भगवान की छवि जैसा बनाया जाता है फलस्वरूप भगवान आदमी की तरह हि दिखते होंगे, तो कोई भी आदमी भगवान हो सकता है
प्रभुपाद: यह ठीक है । अापके पास इतने सारे वैज्ञानिक हैं । पता लगाअो कि भगवान की छवि क्या है, कि क्या उनका रूप नहीं है... कहाँ है वह विभाग ? आपके पास ऐसा कोई विभाग नहीं है । अापमे पास इतने सारे विभाग हैं, प्रौद्योगिकी विभाग, यह विभाग । वह विभाग कहॉ है, भगवान क्या हैं यह पता करने के लिए ? ज्ञान का कोई भी विभाग है?


प्रभुपाद: यह ठीक है । अापके पास इतने सारे वैज्ञानिक हैं । पता लगाअो कि भगवान की छवि क्या है कि क्या उनका रूप नहीं है ... कहाँ है वह विभाग ? आपके पास ऐसा कोई विभाग नहीं है । अापमे पास इतने सारे विभाग हैं, प्रौद्योगिकी विभाग, यह विभाग । वह विभाग कहॉ है, भगवान क्या हैं यह पता करने के लिए ? ज्ञान का कोई भी विभाग है?
पत्रकार: मैं नहीं जानता कि यदि... आज रात को भगवान का कोई विभाग काम नहीं कर रहा है इतना मैं अभी अापको बता सकता हूँ ।  


पत्रकार: मैं नहीं जानता कि यदि ... आज रात को भगवान का कोई विभाग काम नहीं कर रहा है इतना मैं अभी अापको बता सकता हूँ ।
प्रभुपाद: यही कठिनाई है । और यहाँ है, यहाँ श्री कृष्ण भावनामृत आंदोलन ज्ञान का विभाग है पता करने के लिए कि कैसे भगवान को जाना जा सकता है । तो फिर अाप भगवान के रूप में किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं करोगे, आप भगवान के रूप में केवल भगवान को स्वीकार करोगे । (समाप्त)  
 
प्रभुपाद: यही कठिनाई है । और यहाँ है, यहाँ श्री कृष्ण के प्रति जागरूक आंदोलन ज्ञान का विभाग है पता करने के लिए कि कैसे भगवान को जाना जा सकता है । तो फिर अाप भगवान के रूप में किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं करोगे, आप भगवान के रूप में केवल भगवान को स्वीकार करोगे । (समाप्त)
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Latest revision as of 13:07, 15 October 2018



Press Interview -- December 30, 1968, Los Angeles

प्रभुपाद: अब मैंने पोप को एक पत्र लिखा है । अापने देखा है? कहाँ है वह कागज ?

हयग्रव: यहाँ है ।

पत्रकार: ओह, पोप को लिखा गया पत्र । उन्होंने जवाब दिया ?

प्रभुपाद: नहीं, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । क्या यह इस पत्र में है? नहीं, इस पत्र में नहीं । सबसे नया कहां है ? वहाँ कौन है? सबसे नया लाओ | हाल ही का लेकर अाअो एक, हाँ । तो हाल ही में हमने पत्र लिखा है, लेकिन दुर्भाग्य से, मुझे कोई जवाब नहीं मिला है । कैसे ? [तोड़...]

प्रभुपाद: मैं हर किसी के साथ सहयोग करना चाहता हूँ लेकिन वे मना कर रहे हैं । मैं क्या कर सकता हूँ ? मैं किसी भी भगवद भावनाभावित व्यक्ति के साथ बात करने के लिए तैयार हूँ । चलो हम एक कार्यक्रम तैयार करते हैं ताकि लोगों को लाभ हो, लेकिन वे अपने स्वयं के रूढ़िबद्ध तरीके से चलना चाहते हैं । अगर हम देखते हैं कि एक विशेष प्रकार के धार्मिक सिद्धांत का अनुसरण करने से भगवान के लिए प्रेम विकसित हो रहा है तो वही प्रथम श्रेणी का धर्म है । लेकिन अगर एक दानव या कुबेर के लिए प्रेम विकसित हो रहा हो तो फिर धर्म कहां है? पत्रकार: यह सच है ।

प्रभुपाद: (हंसते हुए) आप देखते हैं यही हमारी परीक्षा है । अगर आपने विकसित किया है, तो... हम नहीं कहते हैं की आप ईसाई धर्म या मुसलमान धर्म या यहूदी धर्म यह हिंदू धर्म का पालन करो - हम नहीं कहते । क्या आप भगवान के लिए अपने प्रेम को विकसित कर रहे हैं या नहीं । लेकिन वे इनकार करते हैं "ओह, मैं भगवान हूँ ? कौन भगवान है? मैं भगवान हूँ ।" आप देखते हैं ? हर किसी को आजकल पढ़ाया जा रहा है कि हर कोई भगवान है । ज़रा मज़ा देखो । हर कोई भगवान है । आप ऐसा सोचते हैं ?

पत्रकार: आप मेहर बाबा को जानते हैं ?

प्रभुपाद: वह भी एक और बदमाश है । वह प्रचार कर रहा है कि हर कोई भगवान है ।

पत्रकार: वह कहता है कि वह भगवान है ।

प्रभुपाद: वह भगवान है । जरा देखो । यह चल रहा है ।

पत्रकार: आप उसे जानते हैं ?

प्रभुपाद: मैंने उसका नाम सुना है । मैं इन लोगों को जानने की परवाह नहीं करता । वह कुछ प्रचार कर रहा है कि वह भगवान है ।

पत्रकार: वह कहता है कि उसने चालीस साल से, पैंतालीस साल से, बात नहीं की है ।

प्रभुपाद: इसका मतलब है कि लोगों को पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । अगर मैं तुम्हारे पास आता हूँ, अगर मैं कहता हूँ कि मैं राष्ट्रपति जॉनसन हूँ, तो क्या अाप मुझे स्वीकार करेंगे ?

पत्रकार: नहीं (हंसते हुए) मुझे नहीं लगता कि मैं करूँगा ।

प्रभुपाद: लेकिन ये लोग, दुष्ट, उसे भगवान के रूप में स्वीकार करेंगे क्योंकि उन्हे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । यही दोष है । हमें पता है कि भगवान क्या हैं, इसलिए हम किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं कर सकते हैं जो घोषणा करता है कि वह भगवान है । यह अंतर है ।

पत्रकार: वैसे यह पूरी तरह बेतुका है कि कोई भी आता है और वह कहता है अापसे कि वह भगवान है |

प्रभुपाद: लेकिन वह कितना बदमाश है जो उसे भगवान के रूप में स्वीकार करता है । वह बदमाश नंबर एक है । वह एक बेईमान और जो धोखा खाता है वह भी एक और बदमाश है । उसे पता नहीं है कि भगवान क्या हैं । कोई भी भगवान बन कर अाता है, भगवान इतने सस्ते हो गए हैं कि वे बाजार में उपलब्ध हैं, हर जगह ।

पत्रकार: बेशक पश्चिमी अवधारणा यह है कि आदमी भगवान की छवि से बनाया गया है, फलस्वरूप भगवान आदमी की तरह हि दिखते होंगे, तो कोई भी आदमी भगवान हो सकता है ।

प्रभुपाद: यह ठीक है । अापके पास इतने सारे वैज्ञानिक हैं । पता लगाअो कि भगवान की छवि क्या है, कि क्या उनका रूप नहीं है... कहाँ है वह विभाग ? आपके पास ऐसा कोई विभाग नहीं है । अापमे पास इतने सारे विभाग हैं, प्रौद्योगिकी विभाग, यह विभाग । वह विभाग कहॉ है, भगवान क्या हैं यह पता करने के लिए ? ज्ञान का कोई भी विभाग है?

पत्रकार: मैं नहीं जानता कि यदि... आज रात को भगवान का कोई विभाग काम नहीं कर रहा है इतना मैं अभी अापको बता सकता हूँ ।

प्रभुपाद: यही कठिनाई है । और यहाँ है, यहाँ श्री कृष्ण भावनामृत आंदोलन ज्ञान का विभाग है पता करने के लिए कि कैसे भगवान को जाना जा सकता है । तो फिर अाप भगवान के रूप में किसी भी बदमाश को स्वीकार नहीं करोगे, आप भगवान के रूप में केवल भगवान को स्वीकार करोगे । (समाप्त)