HI/Prabhupada 0726 - सुबह जल्दी उठना चहिए और हरे कृष्ण मंत्र का जाप करना चाहिए

Revision as of 17:40, 15 August 2015 by Rishab (talk | contribs) (Created page with "<!-- BEGIN CATEGORY LIST --> Category:1080 Hindi Pages with Videos Category:Prabhupada 0726 - in all Languages Category:HI-Quotes - 1975 Category:HI-Quotes - Lec...")
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)


Invalid source, must be from amazon or causelessmery.com

750304 - Lecture CC Adi 01.15 - Dallas

नारद मुनि सलाह देते हैं, श्रीमद-भागवतम के माध्यम से, कहते हैं, कि, "तुम्हे, तुम्हे यह मनुष्य जीवन मिला है । अब तुम्हे कोई जरूरत नहीं है अपना भोजन ढूढने की, अाश्रय ढूढनी की, अपना यौन संतुष्टि ढूढनी की, अपना बचाव ढूढनी की । यह तुम्हरी समस्या नहीं है । तुम्हें उसके लिए प्रयास करना चाहिए मतलब उस चीज़ के लिए जो तुम्हे जीवन के इन भौतिक आवश्यकताओं से राहत देगा ।" यही सलाह है । हम गलत सोचते हैं । हम ... सुबह की सैर में हमने देखा कि इतना बड़ा राष्ट्र, लेकिन समस्या है खाद्य की समस्या । छह बजे सुबह, वे काम करने के लिए जा रहे हैं। वे काम करने के लिए जा रहे हैं । क्यूँ ? अब, जीवन की आवश्यकताओं को खोजने के लिए ।

तो यह सभ्यता क्या है? सुबह सुबह, ६।०० ... वैदिक सभ्यता के अनुसार, हमें सुबह जल्दी उठना चहिए और हरे कृष्ण मंत्र का जाप करना चाहिए, मंगल अारत्रिक करना चाहिए, भगवान की पूजा करनी चाहिए । यह सुबह के कार्य हैं । लेकिन दुनिया का सबसे अमीर देश, वे अपनी रोटी कमाने के लिए ६।३० को काम करने के लिए जा रहे हैं। क्या यह जीवन की बहुत अच्छी प्रगति है ? और पूरा दिन उन्हे काम करना होगा । यहॉ ही नहीं, हर जगह, अपने दैनिक रोटी कमाने के लिए, उन्हे पचास मील की दूरी पर जाना पडता है, सौ मील दूर घर से । और हर शहर ... भारत में भी, वही बात - बंबई में, वे सौ मील दूर आ रहे हैं, और दैनिक यात्री रेलवे पर लटकते हुए, बहुत ही गंभीर हालत है । और यह श्रीमद-भागवतम में कहा गया है कि कलयुग के अंत में मनुष्य को काम करना होगा ... वे पहले से ही, एक गधे की तरह काम कर रहे हैं और वास्तव में उन्हे एक गधे की तरह काम करना होगा केवल अपनी रोटी पाने के लिए । प्रगति यह होगी । और इतना ही नहीं, खाद्य पदार्थ, विशेष रूप से सात्विक खाद्य पदार्थ जैसे फल और सब्जियॉ, दूध, चावल, गेहूं, चीनी, ये उपलब्ध नहीं होंगी -पूरी तरह से बंद हो जाऍगी । तो धीरे-धीरे हम ऐसे उन्नति करेगे ।। मैंने व्यावहारिक रूप से देखा है। मैं मास्को गया, और कम से कम हमारे लिए, वहाँ रहना बहुत मुश्किल था । कोई चावल की आपूर्ति नहीं है । कोई गेहूं की आपूर्ति की है । बहुत मुश्किल से ... कोई सब्जि, कोई फल, रास्पबेरी जैसा कुछ सड़ा हुआ फल अौर ... इसलिए कम से कम हमारे लिए यह बहुत मुश्किल था । बेशक, दूध वहाँ उपलब्ध है, और मांस है । ओह, तुम वो पा सकते हो, जितना चाहो । तो यह मानव जीवन नहीं है। मानव जीवन है ... यहाँ यह वर्णित है, काविराज गोस्वामी मत सर्वस्व पदाम्भोजौ राधा मदन मोहनौ हमारी एकमात्र संपत्ति होनी चाहिए श्री कृष्ण के चरण कमलों के साथ-साथ राधारानी । मदन-मोहन। श्री कृष्ण इतने सुंदर हैं कि वे कामदेव की तुलना में अधिक आकर्षक हैं । मदन-मोहन। मदन का मतलब है कामदेव । कामदेव, सबसे सुंदर व्यक्ति माना जाते हैं, ब्रह्मांड के भीतर लेकिन श्री कृष्ण और अधिक सुंदर हैं उनसे । कंदर्प कोटि कमनीय विशेष शोभं ( ब्र स ५।३०) यही शास्त्र में वर्णित है। अौर जब श्री कृष्ण उपस्थित थे, हम शास्त्र से जानते हैं या सबूतों से श्री कृष्ण इतने सारे गोपियों के लिए आकर्षक थे । गोपियॉ सबसे खूबसूरत महिलाऍ थी, और श्री कृष्ण उनके लिए आकर्षक थे । तो कल्पना करो कि कृष्ण कितने सुंदर थे । गोपियों के लिए ही नहीं ; श्री कृष्ण की १६१०८ रानियॉ थीं । इसलिए उनका नाम श्री कृष्ण है । वे हर किसी के लिए आकर्षक हैं । जयतम सुरतौ पन्गोर मम । तो क्यों वे हमारे जैसे गिरी हुई आत्माओं के लिए आकर्षक नहीं होंगे ? तो यह श्री कृष्ण की स्थिति है ।