HI/Prabhupada 0959 - भगवान को भी विवेक है । बुरा तत्व हैं
750624 - Conversation - Los Angeles
प्रभुपाद: यही शुकदेव गोस्वामी कहते हैं, कि "मैंने कली युग के इतने सारे दोषों का वर्णन किया है, लेकिन एक बहुत ही बड़ा लाभ है । "वह क्या है ? " कि केवल हरे कृष्ण का जाप करके हम सभी भौतिक बंधन से मुक्त हो जाते हैं ।" यह इस युग का विशेष लाभ होता है ।
डॉ वोल्फ: क्या यह हमारे समय का सच्चा योग कहा जा सकता है ?
प्रभुपाद: हम्म । हाँ । यह भक्ति-योग है । भक्ति-योग जप से शुरू होता है । श्रवणम् कीर्तनम् विष्णो: (श्री भ ७।५।२३) । और जितना अधिक अाप जपते हैं अौर सुनते हैं, अाप शुद्ध हो जाते हो । तो मुझे लगता है कि आप जैसे देश के नेताओं को, आप को बहुत गंभीरता से इस आंदोलन को लेना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए । यह मुश्किल नहीं है । जपना । अाप स्कूल में जाप कर सकते हैं; आप कॉलेज में जाप कर सकते हैं; आप कारखाने में जाप कर सकते हैं; आप सड़क पर जाप कर सकते हैं । कोई विशेष योग्यता की आवश्यक नहीं है । लेकिन अगर हम इस जप को अपनाते हैं, आपको महान लाभ होगा । कोई नुकसान नहीं है, लेकिन महान लाभ है ।
डॉ वोल्फ: श्रील प्रभुपाद, आपको पता है कि वे जप के खिलाफ सम्मोहित करने का तर्क करते हैं । मनोवैज्ञानिक करते हैं ।
प्रभुपाद: यह अच्छा है । अच्छी बात है । अगर आप सम्मोहित कर सकते हैं, यह ... अब डॉ जूडा नें स्वीकार किया है कि अाप सम्मोहित कर सकते हैं नशा करने वाले हिप्पियों को अौर उन्हें संलग्न कर सकते हैं श्री कृष्ण को समझने के लिए, यह एक बड़ी उपलब्धि है । (हंसी) हाँ ।
डॉ वोल्फ: यह सम्मोहित करना नहीं है, लेकिनग ।
प्रभुपाद: जो भी हो । डॉ जूडा नें स्वीकार किया है । तो अगर सम्मोहन भलाई के लिए है, तो क्यों न स्वीकार किया जाए ? अगर यह बुरा है, तो यह एक और बात है । अगर यह अच्छा है, तो क्यों न स्वीकार किया जाए ? हम्म? आपका क्या ख्याल है, प्रोफेसर ?
डॉ ऑर: मैं क्या प्रतिक्रिया दूं पता नहीं । मुझे लगता है मैं आपके साथ सहमत हूँ । (हंसी)
प्रभुपाद: अगर यह अच्छा है ... जो कुछ अच्छा है उसे स्वीकार किया जाना चाहिए ।
डॉ ऑर: एक समस्या है ... अाप देखो, मैं हमेशा सोचता हूं कि कैसे अाप अाश्वस्त हैं कि अाप जानते हैं कि क्या अच्छा है, खासकर जब युद्ध की बात होती है । मैं थोड़ा अौर चिंतित होता, मुझे लगता है कि ...
प्रभुपाद: यह युद्ध क्या ?
डॉ ऑर: जी, जब आप कह रहते थे कि कभी कभी युद्ध आवश्यक है । मुझे लगता है कि यह ज़रूरी है जानना कि कैसे तय करें कब...
प्रभुपाद: नहीं, नहीं, आवश्यक मतलब अाप इस भौितक दुनिया में उम्मीद नहीं कर सकते हैं कि सब साधु स्वभाव के होंगे । बुरे तत्व हैं । तो अगर एक बुरा तत्व अाप पर हमला करने के लिए आता है, तो क्या लड़ाई करना और रक्षा करना अापका कर्तव्य नहीं है ?
डॉ ऑर: यह हो सकता है शायद, कि मैं बुरा तत्व हूं, और मैं सोचता रहता हूं कि अन्य लोग बुरे तत्व हैं । ( दबी हुई हंसी )
प्रभुपाद: नहीं । भगवान को भी विवेक है । वह कहते हैं, परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुषकृताम (भ गी ४।८) बुरा तत्व हैं । तो अगर भगवान के मन में अच्छे तत्व, बुरे तत्व हैं ... तो हम भगवान का अंशस्वरूप हैं । हममें भी वही भावना होनी चाहिए । हम बच नहीं सकते हैं ।
जयतीर्थ : आजकल निन्यानबे प्रतिशत बुरा है । आजकल निन्यानबे प्रतिशत बुरा है । तो युद्ध केवल दो बुरे तत्वों के बीच है ।
प्रभुपाद: हाँ ।
जयतीर्थ: तो अब यह एक अलग बात है ।
प्रभुपाद: तो तुम बुरे तत्वों के बीच युद्ध नहीं रोक सकते हो । उन्हें अच्छा बनाओ । तो फिर अाप बच सकते हो । आप कुत्तों के बीच लड़ाई बंद नहीं कर सकते । (हंसी) यह संभव नहीं है । अगर आप कुत्तों की लड़ाई बंद करने की कोशिश करते हैं, तो यह संभव नहीं है । क्या यह संभव है ? तो यह बेकार का प्रयास है । अब मनुष्य कुत्ते के समान हैं और आप लड़ाई बंद करना चाहते हैं । यह संभव नहीं है । असंभव ।