HI/650731 - गोराचंद गोसाईंजी को लिखित पत्र, बॉम्बे
त्रिदंडी गोस्वामी,
ए.सी. भक्तिवेदांता स्वामी
रहने का स्थान:
श्री राधा दामोद मंदिर,
सेवाकुंज, वृंदावन
कार्यालय:
श्री राधा कृष्ण मंदिर,
२४३९, चिप्पी वाडा कलन
पत्र-पेटी क्रमांक १८६४,
दिल्ली-६
शिविर बॉम्बे
३१ जुलाई, १९६५
मेरे प्यारे गोसाईंजी,
कृपया मेरे दंडवत को स्वीकार करें। मैं अपने जहाज एम.वी. जलदूत पर सवार होने के लिए कलकत्ता जा रहा हूँ। मैं यू.एस.ए के लिए, १० अगस्त, १९६५ को यात्रा शुरू करूँगा। एक महीने के बाद न्यूयॉर्क पहुंच जाऊंगा। मैंने आपको २५/रूपए का एक मनी आर्डर परसों भेज दिया है, और इसी बीच आपको मिल गया होगा। मैं शायद अगले नवंबर तक भारत लौट आऊँगा।
इस बीच श्री अंतरसिंह बजाज आपसे इस पत्र के साथ भेंट करेंगे, क्योंकि वह अगले महीने वृंदावन जा रहे हैं। वह भगवान कृष्ण के बहुत बड़े भक्त हैं। और यह वह सज्जन हैं जिनके बारे में मैंने आपसे श्री जयदेव गोस्वामी के श्री राधा माधवजी की विग्रह के बारे में बात की थी।
वह श्री राधा माधव जू के लिए एक भव्य मंदिर बनवाएंगे और बड़े धूमधाम से राजसेवा के संचालन के साथ-साथ, वैष्णव स्मृतियों के अनुसार उत्सवों का भी आयोजन करेंगे।
कृपया उनके साथ परक्रामण के बारे में आमने-सामने बातचीत करें। और मैं उनके प्रस्ताव को स्वीकार करने की जोरदार सिफारिश करूंगा क्योंकि न केवल वह मेरे दोस्त है, बल्कि सेवा पूजा के सुधार के दृष्टिकोण से भी।
मुझे उम्मीद है कि सेवा पूजा की बेहतर स्थिति को देखने के लिए आप दोनों किसी सुखद समझौते पर आएंगे।
पूर्वानुमान में आपको धन्यवाद,
आपका विश्वासी
सादर
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
श्री गोराचंद गोस्वामी
सेबल श्री राधा दामोदरजी
मंदिर, सेबाकुंजा
वृंदाबन
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