HI/660204 - तीर्थ महाराज को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क
ए.सी.भक्तिवेदांत स्वामी
१०० वेस्ट ७२ वीं सड़क
कमरा संख्या ३०७
न्यूयॉर्क एन.वाई. १००२३
१६ फरवरी, १९६६
मेरे प्रिय श्रीपाद तीर्थ महाराज,
कृपया अपने चरणकमलों में मेरा विनम्र दण्डवत स्वीकार कीजिये। मुझे आशा है कि आपको मेरा चौथा विधिवत पत्र श्रीमान पद्मपत सिनहानिया, मंदिर के अपेक्षित दानदाता के सहपत्र, प्राप्त हो गया है। तब से मैंने अपना कमरा (कमरा नं ३०७) कोलंबस एवेन्यू और ७२ वें सेंट की दो सड़कों के जंक्शन के सड़क के किनारे पर, उसी इमारत में स्वस्थ हवा और उजाले के लिए, उपर्युक्त उल्लेखित कमरे में बदल दिया है। इसलिए कृपया केवल मेरे कमरे के परिवर्तन पर ध्यान दें, इमारत वही है।
अब मैं उत्सुकता से आपके अनुकूल उत्तर पर प्रत्याशित हूं, क्योंकि केवल आपके उत्तर पर मुझे कई अन्य वस्तुओं पर कार्य करना होगा। मेरी वीजा अवधि मार्च १९६६ के अंत तक समाप्त हो जाएगी, और इस अवधि को बढ़ाने के लिए मुझे कम से कम दो सप्ताह के पहले आवेदन जमा करना होगा। आप यह जानते हैं कि अमेरिका बहुत महंगा है। मैं अपने कमरे के लिए $ ७०.०० का किराया दे रहा हूं, और अपने अन्य खर्चों के लिए मैं एक दिन में लगभग ४ डॉलर खर्च करता हूं। दूसरे शब्दों में, मुझे प्रति माह लगभग १०००/- रूपए खर्च करने पड़ते हैं, और इस तरह मैं आपके अनुकूल उत्तर की प्रतीक्षा में एक-एक दिन गिन रहा हूँ। अतः कृपा कर इस पोस्ट के प्रति पत्र उत्तर को भेजें कि आपने इस समय तक क्या कार्यवाही की है, ताकि मैं भी अपनी वस्तुओं को यहां व्यवस्थित कर सकूं।
यह मेरा बहुत अच्छा अनुभव है कि पत्रों का उत्तर देने में परम पूजनीय बहुत तत्पर हैं, और मैं बहुत उद्विग्न हूं क्योंकि मुझे अब तक आपका पत्र नहीं मिला है। मुझे आशा है कि आपने व्यास पूजा समारोह के लिए मेरा चेक प्राप्त, और नकद भी करवा लिया होगा। आशा है कि आप सभी अच्छे होंगे, और प्रति पोस्ट की वापसी के आपके उत्तर के लिए प्रत्याशा में धन्यवाद।
आपका आज्ञाकारी,
ए.सी.भक्तिवेदांत स्वामी
संलग्न:२।
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