"कोई भी कृष्ण की भाँति प्रसिद्ध नहीं हो सकता। समस्त विश्व में वे प्रसिद्ध हैं, तो भारत की तो क्या बात करें? संपूर्ण प्रसिद्ध। उसी प्रकार वे पूर्णतया शक्तिशाली, पूर्णतया समृद्ध, पूर्णतया सौन्दर्यवान, पूर्णतया ज्ञानवान... भगवद् गीता में देखें। यह स्वयं भगवान श्री कृष्ण द्वारा व्यक्त किया गया है। इसकी कोई समानता नहीं है और न ही भगवद् गीता की कोई बराबरी है। देखो ! यह ऐसा ज्ञान है, संपूर्ण ज्ञान। अत: जिनके पास यह छह ऐश्वर्य पूर्णतया है, वह भगवान् हैं। यह भगवान् की परिभाषा है। पूर्ण शक्ति, पूर्ण यश, पूर्ण सौंदर्य, पूर्ण ज्ञान, पूर्ण समृद्धि, और पूर्ण वैराग्य।"
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