HI/661121 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद न्यूयार्क में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
| HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी | 
| "किसी भी राष्ट्र के किसी भी शास्त्र का एक ही लक्ष्य है। ना केवल भगवद्गीता अपितु किसी भी शास्त्र का एक ही लक्ष्य है , जो हमें भगवद् धाम वापिस ले जाना है। यह ही उद्देश्य है।" | 
| 661121 - प्रवचन भ.गी. ८.२८-९.२ - न्यूयार्क |