"आपको कृष्ण के साथ मित्रता करनी होगी। जिस प्रकार जब आप किसी महान हस्ती से मिलने जाते हैं , तो आपको उनके साथ कोई न कोई संबंध बनाना पड़ता है। आपको अपना परिचय प्रेम व मित्रतापूर्वक देना होता है। तभी महानुभावों से संबंध जोड़ना सम्भव हो पाता है। उसी प्रकार यदि हम उस परमलोक, कृष्ण लोक, में जाना चाहते हैं तो हमें स्वयं तैयार करना होगा की कृष्ण से कैसे प्रेम करे। भगवद प्रेम। यह तभी सम्भव है यदि आप भगवान् से घनिष्ठ प्रेम से जुड़े हो। हम सबकुछ होते हुए भी भगवान को नहीं पा सकते। जब तक हम भगवान् से प्रेम नहीं करते तब तक हम भगवान् की कृपा प्राप्त नहीं कर सकते।"
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