HI/670130 - जदुरानी को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
५१८ फ्रेडरिक गली, सैन फ्रांसिसको
कैलीफ़ोर्निया, ३० जनवरी, १९६७
मेरी प्यारी जदुरानी,
कृपया आशीर्वाद स्वीकार करें। मैंने आपके अच्छे काम के बारे में सुना है, हालांकि आपने मुझ को नहीं लिखा। मैं आपको हमेशा सबसे अच्छी लड़की के रूप में याद करता हूं क्योंकि आप इतनी श्रद्धापूर्वक कृष्ण की सेवा में लगी हैं। मुझे यकीन है कि कृष्ण आप पर प्रसन्न हैं और वह आप पर अपना आशीर्वाद बरसाएंगे। बेहतर होगा कि आप कृष्ण को अपने पति के रूप में स्वीकार करें। वह कभी भी छल नही करेंगे। सामान्य पति और पत्नी एक दूसरे से कभी सहमत नहीं होते हैं। क्योंकि भौतिक दुनिया में संबंध शरीर के आधार पर होते हैं जो मूल रूप से झूठ है। इस परिस्थिति में कैसे हम झूठे अस्तित्व के मंच पर वास्तविक चीज हो सकती है। कृष्ण की सेवा में स्वयं को २४ घंटे समर्पित करें और देखें कि आप सभी मामलों में किस तरह से खुशी महसूस करेंगे। आप बहुत अच्छी लड़की हो, क्योंकि मैंने आपको काम करते हुए जप करते हुए सुना है। यह बहुत अच्छा है और कृष्ण आपको अधिक से अधिक प्रबोधन प्रदान करे। मैं हमेशा प्रार्थना करता हूं कि आप भगवान की कृपा से खुश रहें। मुझे आपकी बात सुनकर खुशी होगी।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांता स्वामी
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