HI/670205 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सैन फ्रांसिस्को में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"कर्मी का अर्थ है, वे लोग जो केवल अपनी इंद्रिय तृप्ति के लिए दिन रात कठिन मेहनत कर रहे हैं। उन्हें कर्मी कहा जाता है। और ज्ञानी का अर्थ है कि वे मानसिक अटकलों द्वारा समाधान की खोज करते हैं। और योगी का अर्थ है, कि वे शारीरिक व्यायाम द्वारा आध्यात्मिक मुक्ति प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। सख्त अर्थों में, वे सभी भौतिकवादी हैं। अध्यात्मवादी का कोई प्रश्न ही नहीं है। अध्यात्मवाद वहाँ है जहाँ व्यक्ति समझता है कि, आत्मा की संवैधानिक स्थिति क्या है और उसके अनुसार कार्य करता है। इसलिए, केवल यह भक्ति, भक्तिमय सेवा ही आध्यात्मिकता है, क्योंकि जो भक्त हैं, वे जानते हैं कि वे शाश्वत रूप से भगवान के अंश हैं, और इसलिए भगवान की आध्यात्मिक सेवा में लगे रहना आध्यात्मवाद है।"
670205 प्रवचन - सैन फ्रांसिस्को