HI/670210 - ब्रह्मानन्द को लिखित पत्र, सैंन फ्रांसिस्को
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ इंक. 26 सेकेण्ड ऐवेन्यू, न्यू यॉर्क,एन.वाई 10003 टेलीफोन: 674-7428
शाखा 518 फ्रेड्रिक स्ट्रीट
सैन फ्रांसिस्को,कैलिफोर्निया
10 फरवरी, 1967
आचार्य:स्वामी ए.सी. भक्तिवेदान्त
न्यासी:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफकोविट्ज़
रेमंड माराइस
स्टेनली मोगकोविट्ज़
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय ब्रह्मानन्द,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे श्रीमान् कीर्तनानन्द के पत्र के साथ तुम्हारा नोट प्राप्त हुआ है। चूंकि तुमने केवल लिफाफा भेजा है, ये लोग रिकॉर्डों को प्राप्त करने को बहुत उत्सुक हैं। कृपया मि. लर्नर से पूछो कि क्या उन्हें मि. कैलमान के रिकॉर्ड भेजने में अरुचि के कारण ज्ञात है, जिससे मैं यहां पर संबद्ध लोगों को सूचित कर पाऊं। मैं सोचता हूँ कि भगवान कृष्ण की कृपा से वहां पर सबकुछ अच्छे से चल रहा है। मेरे पास 11, 12 व 14 को अन्य संस्थाओं, आत्म साक्षात्कार संगठन, हिमालयन अकादमी प्रशासन और सैन फ्रांसिस्को युनिवर्सिटि कॉलेज, से वकतव्य देने के निमंत्रण हैं। इनमें से कुछ लिखते हैं किः “पूज्यपाद जी: आप अपने प्रेम एवं भक्ति के माध्यम से हमारे समाज में महन सुन्दरता व सामन्जस्य ले आए हैं। आपकी कृष्णभावनामृत की शिक्षाओं में अनेकों जीवात्माओं को उनकी आंतरिक शान्ति प्राप्त हुई है।” मैं इन कार्यक्रमों में रिकॉर्डों का वास्तविक प्रदर्शन कर अनेकों रिकॉर्डों का वितरण कर सकता था। खाली लिफाफे का मैं क्या करूँ? मैं मि. कैलमान की निति नहीं समझ पा रहा हूँ। कृपया उन्हें समझाने का प्रयास करो और मुझे वास्तविक स्थिति से अवगत कराओ।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षर)
ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
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