HI/670211 - जदुरानी एवं रायराम को लिखित पत्र, सैंन फ्रांसिस्को
11 फरवरी, 1967
मेरी प्रिय जदुरानी,
यदि कीर्तनानन्द मॉन्ट्रियल जाए, तो तुम उसे एक विष्णु चित्र दे सकती हो। मुझे आशा है कि मेरे द्वारा भेजे गए विष्णुनाम तुम्हें प्राप्त हो गए होंगे।
(स्नेहपूर्वक तुम्हारा,) (हस्तलिखित)
(हस्ताक्षर)
अन्य सभी के लिए मेरे आशीर्वाद
N.B. मेरे प्रिय रायराम, कृपया मि. लिओ इप्स्टेंटिन के संपर्क में रहो। एक भारतीय सज्जन, जो यहां पिछले पांच वर्ष से एक स्थायी निवासी के रूप में हैं, ने सुझाया है कि यदि मेरे छात्रों व प्रशंसकों द्वारा वीज़ा विभाग में एक याचिका दायर की जाए, यह कहते हुए कि वे अपने लाभ के लिए मुझे चाहते हैं, तो स्थायी निवासी वीज़ा की स्वीकृति दे दी जाती हैः कई अन्य संस्थाओं---, मेरे छात्रों की माताओं ---प्रशंसकों के रूप में ---पत्रिकाओं ने मेरे कार्य को सराहा है। कृपया मि. इप्सटेंटिन से सलाह करो और मुझे बताओ कि उनका क्या विचार है। उन्हें कतरनें दिखाओ। एसीबी
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