HI/670224 - रायराम को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
शाखा: ५१८ फ्रेडरिक गली,
सैन फ्रांसिसको,कैलीफ़ोर्निया,
फरवरी २४, १९६७
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय रायराम,
मैं आपके पत्र की उचित प्राप्ति में हूं। हमारे समझौते के अनुसार [हस्तलिखित] श्री यप्लसेंटिन अब और ज्यादा नहीं मांग सकते। यह समझा गया था कि जब बिल वास्तव में प्रतिनिधि संस्था के अधिवेशन में विचार के लिए होगा तब और धन की आवश्यकता होगी। हमने पहले ही उन्हें तीन सौ डॉलर का भुगतान किया है जो प्रारंभिक चरण में व्यवहार के लिए काफी था।
वैसे भी मेरे पास २ मार्च को उन्हें देखने के लिए देशीकरण कार्यालय से एक कॉल आया है। और मैं आपको बता दूंगा [हस्तलिखित] कि इसके बाद क्या करना है। या इस बीच अगर मैं एन.वाई. लौटता हूं तो मैं आपको सूचित कर दूंगा कि क्या करना है। क्या आपने [हस्तलिखित] प्रकाशक से १ अध्याय भगवद-गीता का वितरण किया है जिसके पास आपने [हस्तलिखित] इसे जांच के लिए छोड़ दिया है? आपने मुझे इसकी जानकारी नहीं दी है। कृपया इसका ध्यान रखें। यहां सब ठीक चल रहा है। हमें अगले सप्ताह मंगलवार तक कुछ व्यस्तताएं मिली हैं। कीर्त्तनानन्द मॉन्ट्रियल में संस्था का तीसरा केंद्र शुरू करने की कोशिश कर रहा है। यह सब कृष्ण की कृपा है। मुझे बैक टू गॉडहेड की प्रतिलिपि मिली है।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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