HI/670504 - श्यामसुंदर को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क
अंतराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
२६ पंथ, न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४-७४२८
आचार्य :स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मई १,१९६७
मेरे प्रिय श्यामसुंदर,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं २८ अप्रैल,१९६७ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूँ, और चेक वापस करने के लिए धन्यवाद। शेष आठ पुस्तकों के लिए आप मुझे अपना चेक सुविधापूर्वक भेज सकते हैं, कोई जल्दी नहीं है।
यह मुझे इतना प्रीतिकर लगता है कि आप कृष्ण की सेवा अपनी बुद्धि से, अपने शरीर से, अपने मन से कर रहे हैं। सब कुछ बहुत अच्छा है, और यह आपको कृष्ण भावनामृत को समझने में अधिक से अधिक प्रगतिशील बना देगा। मुझे लगता है कि आप अपने प्रगति को महसूस कर रहे हैं, और समझ रहे हैं, और मैं इसे देखकर बहुत खुश हूं। मैं यह देखकर भी बहुत संतुष्ट हूं कि आपको एक अच्छा साथी मिला है, आपकी पत्नी मालती। वह बहुत अच्छी है। मुझे उसका पत्र मिला है, कृपया उसे मेरा आशीर्वाद दें। मुझे पता है कि आप पत्र लिखने में रुची नहीं लेते हैं, लेकिन आप सेवा करने में बहुत रुची लेते हैं। यह बहुत अच्छा प्रस्ताव है। रथयात्रा महोत्सव को बहुत सफल बनाएं। यह आपके शहर में एक महान परिचय होगा, और लोग इसकी सराहना करेंगे, और यदि हम न केवल सैन फ्रांसिसको में बल्कि न्यूयॉर्क और मॉन्ट्रियल में भी इस रथयात्रा महोत्सव को सफलतापूर्वक पेश कर सकते हैं, तो इस देश में मेरे लक्ष्य की एक बड़ी सफलता होगी।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांता स्वामी
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