HI/670510 - हयग्रीव को लिखित पत्र, न्यू यॉर्क
मई १०, १९६७
श्रीमान हयग्रीव ब्रह्मचारी
५१८ फ्रेडरिक गली
सैन फ्रांसिसको, कैलिफ़ोर्निया ९४११७
छब्बीसवां पंथ,
न्यूयॉर्क, एन.वाई. १०००३
टेलीफोन: ६७४ ७४२८
आचार्य: स्वामी ए.सी. भक्तिवेदांत
समिति:
लैरी बोगार्ट
जेम्स एस. ग्रीन
कार्ल एयरगन्स
राफेल बालसम
रॉबर्ट लेफ्कोविट्ज़
रेमंड मराइस
माइकल ग्रांट
हार्वे कोहेन
मेरे प्रिय हयग्रीव,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपको विनीत भाव से सूचित करता हूं कि अब यह व्यवस्था की गई है कि गीतोपनिषद् का मुद्रण भारत में किया जाएगा और इसलिए आपसे अनुरोध है कि इस पत्र की प्राप्ति पर मुझे पांडुलिपियों(हस्तलिखित) के सभी सही रूपों को वापस भेज दें।
इसके अलावा बैक टू गॉडहेड अब हमारे समीओन मुद्रणालय में मुद्रित किया जाना है, इसलिए मुझे लगता है कि अब आपको न्यू यॉर्क वापस आ जाना चाहिए काम को अच्छी तरह से देखने के लिए।
आपके शीघ्र उत्तर और शीघ्र अनुपालन की प्रतीक्षा कर रहा हूँ। आशा है कि आप सब ठीक हैं। सभी के लिए मेरा आशीर्वाद ।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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