HI/670803 - मुकुंद को लिखित पत्र, वृंदावन
३ अगस्त १९६७
[हस्तलिखित]
मेरे प्रिय मुकुंद,
कल मैंने आपको विनोद कुमार के अनुरोध पर एक व्यक्तिगत नोट भेजा है। यदि आव्रजन वीजा संस्था के लिए भारी है, तो जोखिम मत लीजिये। मुझे लगता है कि आव्रजन वीजा प्राप्त करना बहुत मुश्किल है, और इसलिए आप अनावश्यक रूप से इसमें संस्था को शामिल नहीं कर सकते हैं। वर्तमान समय में हम उसे तनख्वाह नहीं दे सकते हैं, या जब तक हम उसकी प्रतिभा नहीं देखेंगे, मैं आपको इसके बारे में बाद में और अधिक जानकारी दूंगा। आशा है कि आप अच्छे हैं।
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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