HI/670825 - प्रद्युम्न को लिखित पत्र, वृंदावन
अगस्त २५, १९६७
मेरे प्रिय प्रद्युम्न,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं १५ और १६वें तारिक के आपके पत्रों के साथ-साथ जन्माष्टमी दिवस परिपत्र की प्राप्ति में हूं। मैं बहुत खुश हूं कि मॉन्ट्रियल में सब कुछ इतनी अच्छी तरह से चल रहा है, और आप, यहां तक कि मेरे और कीर्त्तनानन्द की अनुपस्थिति में, अधिक सक्रिय रूप से कृष्ण के सेवा में लगे हुए हैं। इसका बड़ा श्रेय आपको जाता है, और मैं आपको इसके लिए धन्यवाद देता हूं। आपको पता होना चाहिए कि यह सब दिल की ईमानदारी के कारण है; जब हम ईमानदार होते हैं, तो कृष्ण हमेशा हमारी मदद करते हैं, या तो आध्यात्मिक गुरु के मार्गदर्शन द्वारा, या आंतरिक रूप से उनके परमात्मा स्वरुप से। आपने भगवान के आविर्भाव दिवस के लिए जो कार्यक्रम तय किया है वह अच्छा है। मुझे बहुत खुशी है कि आप मेरी पुस्तकों और रिकॉर्ड को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहें हैं, और मुझे बहुत खुशी है कि नए बैक टू गोडहेड अच्छी तरह से बिक रहे हैं। ये प्रकाशन हमारे आंदोलन की रीढ़ हैं, और अगर हम उन्हें सफलतापूर्वक वितरित कर सकते हैं, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा।
आशा है कि आप अच्छे हैं।
आपका नित्य शुभ-चिंतक
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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