HI/671017 - महापुरुष को लिखित पत्र, कलकत्ता
१७ अक्टूबर,६७ [हस्तलिखित]
मेरे प्रिय महापुरुष,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे आपका विस्तृत पत्र मिला है। भूरा चावल आमतौर पर दोगुना उबला हुआ होता है, इसलिए इसका उपयोग कृष्ण प्रसादम के लिए नहीं किया जा सकता है। भूरे रंग की तरह दिखने वाले बिना बिना परिष्कृत किए हुए चावल का उपयोग किया जा सकता है। आम तौर पर अमेरिका में भूरे रंग के चावल दोगुना उबले होते हैं इसलिए अयोग्य होते हैं। हमें परिष्कृत या बिना परिष्कृत किए जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन दोगुना उबला हुआ उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। दोगुना उबला हुआ चावल अशुद्ध माना जाता है। धूप में पके हुए चावल ठीक है।
भक्तिवेदांत, स्वामी
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