HI/671208 - कृष्ण देवी और सुबल को लिखित पत्र, कलकत्ता
दिसंबर ०८, १९६७
मेरे प्रिय कृष्ण देवी और सुबल दास,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे यह जानकर खुशी हुई कि आप अपने सांता फ़े मंदिर को फिर से खोलने जा रहे हैं। कृपया इस बात को सुनिश्चित करें कि एक बार केंद्र खुलने के बाद उसे बंद नहीं किया जाना चाहिए। मैंने पहले ही छह लड़कों को छह मंदिरों का प्रभार दिया है। आपको और आपके पति को सांता फ़े केंद्र का प्रभार लेना चाहिए और कृष्ण अपना सारा आशीर्वाद प्रदान करेंगे। मैं बहुत जल्द आपके मेहमानों में से एक बनूंगा। आशा है कि आप सब ठीक होंगे।
आपका नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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