HI/680224 - गुरुदास को लिखित पत्र, लॉस एंजलिस से
त्रिदंडी गोस्वामी
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
आचार्य: अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
शिविर: इस्कॉन: राधा कृष्ण मंदिर
५३६४ डब्ल्यू पिको बलवेड.
लॉस एंजिल्स, क.ल. ९००१९
दिनांक: २४ फरवरी, १९६८
मेरे प्रिय गुरुदास,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। २१ फरवरी, १९६८ के आपके पत्र के लिए मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूँ। और मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई कि जो अभी तक भक्त नहीं बने हैं, उनके साथ आपकी कुछ चर्चा हुई है। आप यह मान सकते हैं कि अभक्त वर्ग जो कृष्णभावनामृत से रहित हैं, सभी महान मूर्ख हैं, जैसाकि हम पढ़ा रहे हैं । इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता कि वे कैसे स्वयं को ध्यानी, योगी, दार्शनिक, धर्मवादी, आदि के रूप में विज्ञापित करते हैं। हम सर्वोच्च सत्ता भगवद्गीता के आधार पर भगवद्-चेतना का वैज्ञानिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं। एक उपदेशक को चार सिद्धांतों का पालन करना होता है। पहला, उसे पूरी तरह से कृष्ण के प्रति समर्पित होना चाहिए। दूसरा, भक्तों के साथ घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंध में रहकर बद्धजीवों को कृष्णभावनामृत में आगे बढ़ाने का प्रयास करना और अभक्त वर्ग के संग को स्वीकार न करना। इसलिए यदि आप किसी अभक्त को विनम्रतापूर्वक श्रवण करने के लिए उत्सुक देखते हैं, तो आप उस पर अपनी दया कृष्णभावनामृत में आगे बढ़ाने के लिए कर सकते हैं। लेकिन एक अभक्त जो पहले से ही, राक्षस वर्ग के स्वामी या योगी रुपी सर्प द्वारा दूषित है, उससे निपटना बहुत कठिल है। इसलिए सबसे अच्छा यह है कि उन्हें अस्वीकार कर दिया जाए और उनके उत्थान के लिए समय बर्बाद न किया जाए। लेकिन एक व्यक्ति जो हमें विनम्रता से सुनने को तैयार है, उसे कृष्णभावनामृत के दर्शन को समझने का अवसर दिया जाना चाहिए। मेरी विनम्र सेवा के लिए अपनी अच्छी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। मेरी विनम्र सेवा के लिए आपकी यह सराहना कृतज्ञतापूर्वक स्वीकार की जाती है।
आपके भारत जाने के संबंध में, घर अभी तक तैयार नहीं हो पाया है। इसलिए जब तक मैं निश्चित रूप से अच्युतानंद और अन्य लोगों से नहीं सुन लेता, जो कि हमारी भारतीय शाखा के लिए एक अच्छा घर बनाने का प्रयास कर रहे हैं, तब तक आप भारत जाने के लिए बहुत उत्सुक न हों। परंतु मुझे विश्वास है कि हमें शीघ्र ही एक बहुत अच्छा घर प्राप्त हो जाएगा। जिसके विषय में, मैं आपको उचित समय आने पर बता दूँगा। नहीं तो, जब मैं लौटूँगा तब आप, आपकी पत्नी और कुछ अन्य ब्रह्मचारी मेरे साथ चल सकते हैं।
मुझे ब्रह्मानंद का एक पत्र मिला है जिसमें मुझसे एक बहुत अच्छा चमकदार चित्र माँगा गया है। इसलिए यदि आप ऐसी चमकदार तस्वीर भेजने की व्यवस्था कर सकते हैं, तो यह बहुत अच्छा होगा। उन्होंने जल्द से जल्द फोटो देने को कहा है। उन्होंने मुझे यह भी परामर्श दिया है कि यदि आपकी सहायता तुरंत नहीं मिल पाती, तो मैं एक पेशेवर फोटोग्राफर की सहायता ले सकता हूँ क्योंकि मैं आपके स्थान से दूर रहता हूँ। कृपया मुझे बताएँ यदि आप ऐसी चमकदार तस्वीर भेज सकते हैं, बहुत सारी निगेटिवस से जो आपके पास है। मैं यह भी जानता हूँ कि रायराम ने न्यूयॉर्क में आपसे कुछ निगेटिवस लिए हैं, अत: यदि आप चाहें तो आप उसे आवश्यकतानुसर कार्य करने का परामर्श दे सकते हैं। वैसे भी, यह कार्य तुरंत करना है और मैं आपसे उचित कार्यवाही करने की प्रार्थना करता हूँ। मेरा १० मार्च तक सैन फ़्रांसिस्को लौटना प्रत्याशित है और मैं आपको सही समय और दिन बाद में बताऊँगा।
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