HI/680303 - माईकल ओ’लियरीर को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस
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त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
आचार्य:अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
शिविर:इस्कॉन राधा कृष्ण मंदिर
5364 डब्ल्यू. पिको बुलेवार
लॉस एंजेल्स कैल 90019
3 मार्च, 1968
मेरे प्रिय माईकल ओ’लियरी,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा 27 फरवरी, 1968 का पत्र मिला है और इसके लिए मैं तुम्हारा बहुत धन्यवाद करता हूँ। मैं खासकर तुम्हारे इस कथन से प्रसन्न हूँ कि “मैंने हरे कृष्ण जप की पद्धति को अपना लिया है---- और अविलम्ब ही इसके फल अनुभव कर रहा हूँ।” यह बहुत अच्छा है। कृपया जप करते रहो, और कृष्ण का ध्यान व उनके शब्दों के साथ अपने कर्तव्य पालन करते रहो और तुम सदैव प्रसन्न रहोगे।
कृपया नियमों व विनियमों का पालन करने का प्रयास करो और मेरे न्यु यॉर्क पंहुचने पर हम चर्चा करेंगे और जैसे तुम स्वयं को तैयार देखते हो, तुम दीक्षा प्राप्त कर सकते हो। यदि तुम्हारे कुछ संशय या प्रश्न हैं, तो तुम्हारे अच्छे गुरुभाई सदैव तुम्हारी सहायता को तत्पर व इच्छुक हैं। भक्तों की विशिष्टताओं एवं दस अपराधों की सूची व तुम्हारी आवश्यकता अनुसार अन्य जानकारियां, ब्रह्मानन्द तुम्हें दे सकते हैं। यदि तुम्हारे कुछ प्रश्न हैं तो तुम इच्छा अनुसार मुझे वे लिख भेजने को स्वतंत्र हो। मैं यह जानकर भी बहुत प्रसन्न हूँ कि तुम शिल्पकारी के छात्र हो। वर्तमान स्थिति में मैं काठ से श्री राधा एवं कृष्ण मूर्ति तराशने का प्रयास कर रहा हूँ। यदि तुम ये विग्रह तराश सको, तो बहुत अच्छा होगा।
जब मैं न्यु यॉर्क लौटुंगा, तब तुमसे भेंट के लिए मैं उत्सुक हूँ। आशा करता हूँ कि तुम ठीक हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षर)
26 सेकेण्ड ऐवेन्यू
न्यू यॉर्क, एन.वाई. 10003
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