HI/680817b प्रवचन - श्रील प्रभुपाद मॉन्ट्रियल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
आध्यात्मिक गुरु का मतलब है कि वह बादल की तरह होना चाहिए । यह कैसे संभव है ? यह संभव है । यह इस तरह से संभव है, बशर्ते वह आध्यात्मिक गुरु के शिष्य उत्तराधिकार का पालन करें । तब यह संभव है । उसे श्रेष्ठ स्रोत से शक्ति प्राप्त करनी चाहिए । फिर यह संभव है कि उनके शिक्षण से, उनकी शिक्षाओ से, जंगल की आग जो हमारे हृदय के भीतर जल रही है, उसे बुझाया जा सके, और जिस व्यक्ति को इस तरह के आध्यात्मिक निर्देश प्राप्त होते हैं, वह पूरी तरह से संतुष्ट हो जाता है । |
680817 - प्रवचन प्राकट्य दिन उत्सव, श्री व्यास-पूजा - मॉन्ट्रियल |