HI/680915- अच्युतानंद को लिखित पत्र, सैन फ्रांसिस्को
15 सितंबर, 1968
मेरे प्रिय अच्युतानंद,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे जय गोविंदा के साथ-साथ आपका नोट भी प्राप्त हो गया है। आपने जो बंगाली लिखा है, वह बिलकुल बकवास है। उसमें बहुत सारी गलतियाँ हैं। और हर शब्द की वर्तनी गलत है। जैसे आपने "भूतले" को "भूथले" लिखा है। यह बहुत उत्साहवर्धक नहीं है। न ही यह अच्छा है कि आप कुछ गलत करें और अंत में बस इतना लिखें कि कृपया हमें माफ़ करें। सबसे अच्छी बात यह होगी कि आप दोनों बंबई जाकर मेरे निर्देशन में कोई सकारात्मक काम शुरू करें। अपनी सनक में बहकर समय और पैसा बर्बाद न करें। चूँकि दिल्ली में छपने की कोई संभावना नहीं है, इसलिए कृपया पांडुलिपि पैक करके न्यूयॉर्क भेज दें।
आशा है कि आप स्वस्थ होंगे,
आपका सदैव शुभचिंतक,
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