HI/681014 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद सिएटल में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
प्रभुपाद: वह क्या है?
विष्णु: आइसक्रीम ट्रक। प्रभुपाद: ओह, आइसक्रीम। (हँसी) आप आइसक्रीम ले रहे हैं? है ना? विष्णु: नहीं, वे सड़क पर इधर से उधर फेरे लगाते हैं। प्रभुपाद: प्रचार? तमला कृष्ण: हाँ। प्रभुपाद: आइसक्रीम मत लो। यह माया है। (हँसी) 'चलो, आओ, मेरा भोग करो। आओ, आओ, मेरा भोग करो। ' (हंसते हुए) जैसे ही आप भोग करते हैं, आप फंस जाते हैं। बस इतना ही। जैसे मछली पकड़ने का कांटा। वे कांटा फेंकते हैं और मछलियों को आमंत्रित करते हैं, 'चलो, आओ, मेरा भोग करो। आओ, आओ, मेरा भोग करो '। जैसे ही - एपी! (हँसी) ख़तम। फिर, (मछली की आवाज़ नकल करते हुए) 'अब तुम कहाँ जाओगे? आओ, मेरे थैली में आओ। हां, मैं तुम्हें अच्छे से तलूंगा ’। आप समझ सकते हैं? इस तरह से ये सारे तत्त्व श्रीमद भागवतम में समझाये गए हैं। आपके जिह्वा के स्वाद के लिए, भोग के लिए ये मछली अपनी जान गंवा रही है। |
681014 - प्रवचन भ.गी ०२.१९-२५ - सिएटल |