HI/690113 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"जैसे आप कुछ अभ्यास करते हैं, और परीक्षा हॉल में आप बहुत अच्छी तरह से तुरंत लिखते हैं। लेकिन अगर आपके पास कोई अभ्यास नहीं है, तो क्या आप लिख सकते हैं? इसी तरह, यदि आप हरे कृष्ण का जाप करते हैं, तो नींद में भी आप हरे कृष्ण का जाप करेंगे। । तीन अवस्थाएँ हैं: जागृत अवस्था; सुसुप्त अवस्था, स्वप्न अवस्था; और अचेतन अवस्था। अचेतनता। चेतना ..., हम केवल चेतना में कृष्ण को डाल रहे हैं। अतः अचेतन अवस्था में भी आपके पास कृष्ण होंगे। इसलिए यदि आप सौभाग्य से उस परिपूर्ण अवस्था में आने में सक्षम हैं, फिर यह जीवन आपके भौतिक अस्तित्व का अंत है। आप आध्यात्मिक दुनिया में प्रवेश करते हैं और अपने शाश्वत जीवन, आनंदमय जीवन में कृष्ण के साथ नृत्य करते हैं।"
690113 - प्रवचन भ. गी. ०४.२६ -३० - लॉस एंजेलेस