HI/690118 - रायराम को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस

His Divine Grace A.C. Bhaktivedanta Swami Prabhupāda


जनवरी १८,१९६९


मेरे प्रिय रायराम,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं हाथ से लिख रहा हूं, ताकि आप जान सकें कि मैं पहले से स्वास्थ में बेहतर हूं। आपका कार्यक्रम जैसा कि आपने मुझे ४ अगस्त,१९ ६७ के अपने पत्र में बताया है, अच्छा है। कृष्ण में विश्वास के साथ इसका पालन करें, और सब कुछ सफल हो जाएगा। मैंने छह महीने के लिए आपसे छुट्टी ली है, लेकिन कृष्ण राज़ी है कि मैं अगले नवंबर के महीने में आपके साथ रह सकता हूं। यदि इस बीच में आपकी लंदन शाखा खोली जाती है तब मैं यू.एस.ए जाने से पहले लंदन में रुकूंगा । हमारे सामने जबरदस्त काम है। वृन्दावन केवल एक प्रेरणा है, लेकिन हमारा वास्तविक कार्य क्षेत्र पूरी दुनिया में है। भले ही मैं न रहूँ, आप मेरी भविष्य की आशा हैं, और आप इसे करेंगे। मैं आप सभी को बहुत महसूस कर रहा हूं। कृपया कार्य को शुरू कर दें जैसे के व्यवस्थित हो चूका है। बोस्टन केंद्र को अभी भी अधिक शक्तिशाली बनाएं, क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण केंद्र होगा। वाशिंगटन के बारे में क्या? मैं यह जानने के लिए उत्सुक हूं कि क्या ब्रह्मानंद मेरी किताबों के साथ यू.एस.ए के राजदूत, श्री बी के नेहरू, से मिले। यदि हां, तो उसे कैसे स्वागत किया गया था, और किन बातों का आदान-प्रदान हुआ। वह हमारे भविष्य की गतिविधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण आदमी हैं। कृपया ब्रह्मानंद को राजदूत नेहरू और मैकमिलन अनुबंध के बारे में लिखने के लिए कहें। गर्गमुनी को सूचित किया जा सकता है कि मैं करुणामयी के साथ विवाह के संबंध में उनके पत्र की प्राप्ति में हूं। मैंने पहले ही ब्रह्मानंद के पत्र में आग्रह को मंजूरी दे दी है। मुझे उम्मीद है कि ब्रह्मानंद पहले ही मामलों को अच्छी तरह से प्रबंधित कर चुके हैं। मेरे सभी बेटों और बेटियों को मेरा आशीर्वाद।

आपके नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी