HI/690121 - कुलशेखर को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस
जनवरी २१,१९६९
मेरे प्रिय कुलशेखर,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं १६ जनवरी, १९६९ के आपके पत्र की यथोचित प्राप्ति में हूँ, और मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि एक बार फिर आप मॉन्ट्रियल के मंदिर में ठहरे हुए हैं। इस युग में कोई भी सामान्य मानव समाज से अलग नहीं रह सकता है। इसलिए आध्यात्मिक उन्नति के प्रयास के लिए किसी एकांत स्थान पर जंगल में नहीं जाना चाहिए। उससे बेहतर विचार यह है कि कृष्ण भावनामृत केंद्रों में भक्तों के साथ जुड़े; यह जंगल में रहने से बेहतर आध्यात्मिक परिणाम लाएगा। कृष्ण भावनामृत तब संभव है जब कोई भक्तों के संग में हो। अकेले यह अधिक कठिन है। इसलिए कृपया मॉन्ट्रियल भक्तों के साथ खुद को हमेशा संपर्क में रखने की कोशिश करें। दूर जाने की कोई जरूरत नहीं है। यह बहुत अच्छा नहीं है। यदि आपको कोई समस्या या प्रश्न होगा जो आप मुझे लिख सकते हैं, और मैं आपकी यथासंभव सहायता करूंगा।
मुझे उम्मीद है कि यह आपको बहुत अच्छे स्वास्थ्य में मिलेगा।
आपका नित्य शुभचिंतक
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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