HI/690207 - महापुरुष को लिखित पत्र, लॉस एंजिल्स
फरवरी 0७, १९६९
मेरे प्रिय महापुरुष,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं २ फरवरी, १९६९को आपके पत्र की प्राप्ति को स्वीकार करता हूं, और मैं विषय को नोट करके प्रसन्न हूं। भगवद-गीता यथारूप की सराहना के लिए मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मुझे लगता है कि आपने पहले ही सुना होगा कि १९७0 के जनवरी में हम इस पुस्तक पर अपने सभी छात्रों के बीच परीक्षा होगी, और जो उत्तीर्ण होंगे उन्हें भक्ति-शास्त्री की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। इन परीक्षाओं के साथ मैं अपने सभी शिष्यों को कृष्ण चेतना के इस दर्शन को बहुत सावधानी से सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता हूं क्योंकि ऐसे बहुत से प्रचारक हैं जिनकी आवश्यकता होगी इस संदेश को पृथ्वी के सभी कोनों तक पहुँचाने में। चैतन्य महाप्रभु ने भविष्यवाणी की है कि कृष्ण चेतना के इस आंदोलन को एक दिन हर गांव और कस्बे में फैलाया जाएगा, और हर जगह हरे कृष्ण का जाप किया जाएगा। तो आप एक बुद्धिमान लड़के हैं, और कृपया हमारी पुस्तकों का ध्यानपूर्वक अध्ययन करना जारी रखें, अपने मंत्र के जप को पूरा करें, और जितना संभव हो सके अपने मंदिर में मदद करें। ये विषय आपको बहुत मूल्यवान सेवा भगवान चैतन्य के मिशन को प्रदान करने के लिए पूरी तैयारी देंगे ।
मुझे यह ध्यान देंते हुए खुशी हो रही है आप और गौरसुंदर विश्वविद्यालय में कृष्ण चेतना में एक पाठ्यक्रम के लिए नियमित कक्षाओं की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं ।यदि आप हमारे आंदोलन के महत्व के बारे में छात्र मण्डल को समझा सकते हैं तो यह हमारे प्रचार कार्य में बहुत मदद करेगा, इसलिए कृपया इसके लिए प्रयास करें।
कृपया वहां दूसरों को मेरा आशीर्वाद दें। मुझे उम्मीद है कि यह आपको अच्छे स्वास्थ्य और हंसमुख भाव में मिलेंगे।
आपके नित्य शुभचिंतक,
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
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