HI/690226 - प्रद्युम्न को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस
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26 फरवरी, 1969
मेरे प्रिय प्रद्युम्न,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा 19 फरवरी, 1969 का पत्र प्राप्त हुआ है और मैं प्रसन्न हूँ कि तुम अपने केन्द्र में अच्छे से सेवा कर रहे हो। जो तस्वीरें तुमने भेजी हैं वे भी बहुत अच्छी हैं। मैं पहली अप्रैल को न्यू यॉर्क जा रहा हूँ और मार्च के अन्त तक तुम्हारी ओर, कोलम्बस एवं न्यू वृन्दावन आऊंगा।
तुम्हें किसी भी हालत में कीर्तन एवं जप बंद नहीं करना चाहिए। अवश्य ही मैं यह जानता हूँ कि तुम कीर्तन व जप बन्द नहीं कर सकते, किन्तु इसे नियमित रूप से किया जाना चाहिए चूंकि यही हमारा बल है। हम सदैव माया के भंवर में हैं और केवल यह मंत्र जप ही हमें सारे संकटों से बचा सकता है।
रिकॉर्डों की तुम्हारी आवश्यकता के बारे में मेरा कहना है कि श्री कैलमान ने हमें अनेक प्रकार से ठगा है और इसलिए मैं सोच रहा हूँ कि हरे कृष्ण ध्वनि तरंग का एक नया रिकॉर्ड बनाया जाए। पर यदि तुम्हारे पास टेप रिकॉर्डिंग यंत्र है तो तुम टेप पर कीर्तन रिकॉर्ड कर सकते हो। ऐसे टेपों का मूल्य लॉस ऐन्जेलेस में दिनेश से जाना जा सकता है।
अब हमें बैक टू गॉडहेड पत्रिकाओं को बड़ी संख्याओं में बेचना है। हम 20,000 प्रतियाँ छपवाने का प्रबन्ध कर रहे हैं, तो तुम्हें कोलम्बस में इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। मैं जानकर प्रसन्न हूँ कि श्री क्लाइन वहां एक उपयुक्त मन्दिर ढूंढनें में तुम्हारी सहायता कर रहे हैं। कृपया इस संदर्भ में आगे की गतिविधियों के बारे में मुझे सूचित करते रहना।
मैं आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
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