HI/690503c प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉस्टन में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यदि आप इस हरे कृष्ण मंत्र का जप करते हैं, तो आपके लाभ की प्रथम अंशिका यह होगी कि आप समझ जाएंगे कि आप यह शरीर नहीं हैं, आप आत्मा हैं, जिसे समझने में कई साल लगते हैं, कि 'मैं यह शरीर नहीं हूं।' जब आप किसी से भी पूछते हैं, 'आप क्या हैं?' वह कहेगा, मैं यह हूं, सर, यह और वह। ’मैं अमेरिकी हूं’, 'मैं यह शरीर हूं’, 'मैं वह शरीर हूं’। परंतु कोई नहीं जानता कि वह यह शरीर नहीं है। हरे कृष्ण महामंत्र के जप से आपके लाभ की प्रथम किस्त यह होगी कि आप स्वयं आभास कर पाएंगे, अहं ब्रह्मास्मि: 'मैं यह शरीर नहीं हूं, परंतु मैं आत्मा हूं। मैं सर्वोच्च भगवान का हिस्सा हूं।' और जैसे ही आप इस समझ के मंच पर आते हैं, तो अगले चरण में आप अत्यधिक प्रसन्न होंगे।"
690503 - प्रवचन अर्लिंग्टन स्ट्रीट चर्च - बॉस्टन