HI/690523 - तमाल कृष्ण को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
केंद्र: न्यू वृंदाबन
आरडी ३
माउंड्सविल, वेस्ट वर्जीनिया
२६०४१
दिनांक......मई २३,....................१९६९
मेरे प्रिय तमाल कृष्ण,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपके दिनांक मई १७, १९६९ के पत्र की प्राप्ति की स्वीकृति देना चाहता हूं, और मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता हुई कि सैन फ्रांसिस्को में आपकी उपस्थिति ने न केवल तनाव को सुलझाया है, बल्कि स्थितियों में सुधार भी लाया है। कृष्ण धीरे-धीरे आपको उनकी और अधिक अच्छी तरह से सेवा करने की शक्ति दे रहे हैं, और इस प्रकार आप समाज के भविष्य के मजबूत स्तंभों में से एक हैं। लॉस एंजिलस में प्रचारकों को प्रशिक्षण देने और मेरे वहां रहने के आपके विचार को पहले से ही मंजूरी मिल चुकी है। यदि मैं यूरोप नहीं जाता, तो सम्भवतः मैं जून के अंत तक वहां वापस आ जाऊंगा। इस बीच मुझे यह जानकर खुशी होगी कि एक बेहतर जगह खोजने में आपकी स्थिति क्या है। मुझे नहीं पता कि कार्तिकेय अब तक वहां सैन फ्रांसिस्को पहुंचे हैं या नहीं, लेकिन यह समझा जाता है कि वे हवाई से रवाना हो गए हैं।
आपके द्वारा प्रस्तावित रथयात्रा महोत्सव कार्यक्रम, जो बहुत से नए लोगों को आमंत्रित करेगा, अति उत्साहजनक है। कृपया इसे बहुत गंभीरता से करें, और सैन फ्रांसिस्को को एक संपूर्ण न्यू जगन्नाथ पुरी बनाएं। मुझे लगता है कि यह कठिन नहीं होगा क्योंकि सैन फ्रांसिस्को में दीनदयाल, चिदानंद, माखनलाल जैसे कई अच्छे भक्त हैं, साथ ही ओजस्वी और देवप्रस्थ जैसे नए भक्त भी हैं। भक्त कमोबेश अपने दिव्य उत्साह, धैर्य और दृढ़ विश्वास पर निर्भर करता है। ये चीजें निश्चित रूप से उसे पूर्णता तक पहुंचने में मदद करेंगी। जब से मैं न्यू वृंदाबन आया हूं, मुझे आपका कोई नया पत्र प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन आपका पत्र मुझे प्रोत्साहित करता है, इसलिए कृपया मुझे साप्ताहिक, एक बार भेजें। लगूना बीच में केंद्र खोलने का आपका प्रस्ताव भी बहुत अच्छा है। आपको भविष्य में इतने सारे केंद्र खोलने हैं, इसलिए मैं कामना करता हूं कि कृष्ण आपको इस कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए लंबी उम्र दें।
मुझे आशा है कि आप अच्छे हैं।
आपका नित्य शुभचिंतक
ए. सी. भक्तिवेदांत स्वामी
पुनश्च: टीएलसी कैसे बिक रहा है। [हस्तलिखित]
तमाल कृष्ण – २ -
मुझे अभी-अभी आपका सबसे हाल का पत्र मिला है, और मैं इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूँ। सबसे महत्वपूर्ण बिंदु वकील के बारे में है, और मुझे लगता है कि आप उनकी सेवा का लाभ उठा सकते हैं यदि आपको लगता है कि वे वास्तव में हमें लॉस एंजिलस में वांछित स्थिति प्रदान करेंगे। मैं पश्चिमी तट पर कृष्ण भावनामृत फैलाने की आपकी योजनाओं से अतिशय प्रसन्न हूँ, और मुझे लगता है कि आपको पश्चिमी तट पर हमारे प्रचार कार्य के संगठन का प्रबंधन करना चाहिए। मैं अलग डाक द्वारा एक अत्यंत उत्कृष्ट चित्र भेज रहा हूँ जिसे मुरलीधर चित्रित कर सकते हैं और जिसे अगले महोत्सव, दधीभंड के लिए उपयोग किया जा सकता है। आशा है कि आप अच्छे हैं।
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1969-05 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू वृंदाबन से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू वृंदाबन
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - तमाल कृष्ण को
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - अतिरिक्त लिखावट के साथ
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित