HI/690525 - आनंद को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
केंद्र: न्यू वृंदाबन
आरडी ३, माउंड्सविल, डब्ल्यू. वर्जीनिया
२६०४१
दिनांक......मई २५,...................१९६९
मेरे प्रिय आनंद,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मुझे मंडली भद्र और वृंदावनेश्वरी द्वारा ज्ञात हुआ कि कुछ दुष्ट लड़कों ने आपको अपने केंद्र में परेशान किया है, और अब आप मंडली भद्र के साथ रह रहे हैं। तो आपका कार्यक्रम क्या है? क्या आप वैंकूवर केंद्र को बंद करना चाहेंगे, अथवा आप कोई बेहतर जगह ढूंढ रहे हैं? मुझे बफैलो के रूपानुग से एक पत्र प्राप्त हुआ कि दो लड़के टोरंटो में एक केंद्र खोलने जा रहे हैं। क्या आप कुछ समय के लिए वहां जाना चाहेंगे, या आप स्वयं को वैंकूवर में रखने के लिए किसी अन्य स्थान प्राप्त करने की कोशिश करेंगे?
वर्तमान में मैं न्यू वृंदाबन में रह रहा हूँ। यह बहुत अच्छी जगह है, परन्तु यहां आधुनिक सुख साधन की कोई सुविधा नहीं है। यह शहरी जीवन से पूरी तरह अलग है और हमें बहुत सी चीजों को अपनाना पड़ता है। शहरी जीवन की तुलना में यह बहुत असुविधाजनक है। लेकिन फिर भी यहां का माहौल बेहद खुशनुमा है। अभी तक मुझे अन्नपूर्णा से कोई जवाब नहीं मिला है।
मुझे उपरोक्त बिंदुओं पर आपके उत्तर की प्रतीक्षा है। मुझे आशा है कि आप अच्छे हैं।
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/1969-05 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू वृंदाबन से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू वृंदाबन
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - आनंद को
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित