HI/690608 - आनंद को लिखित पत्र, न्यू वृंदाबन, अमेरिका
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
केंद्र: न्यू वृंदाबन
आरडी ३,
माउंड्सविल, वेस्ट वर्जीनिया
दिनांक...... जून ८,...................१९६९
मेरे प्रिय आनंद,
कृपया मेरा आशीर्वाद स्वीकार करें। मैं आपका पत्र (अदिनांकित) पाकर बहुत खुश हूं और मैंने आपका नया पता नोट कर लिया है। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि आप पहले ही उस स्थान के लिए एक महीने के किराए का भुगतान कर चुके हैं। मैं आपको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं कि आप वहां अकेले और चुपचाप संघर्ष कर रहे हैं, और इसके लिए कृष्ण निश्चित रूप से आपको आशीर्वाद देंगे। मैंने अपने पिछले पत्र में सुझाव दिया था कि यदि आप अकेला महसूस कर रहे हैं तो आप टोरंटो पार्टी में शामिल हो सकते हैं। लेकिन यदि नहीं, तो आप अपने वर्तमान कार्यक्रम को जारी रखें, और मैं इसका पूरा समर्थन करता हूँ। सभी केंद्रों में हर कोई अपने-अपने केंद्र को बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहा है, और धीरे-धीरे वे बहुत अच्छी प्रगति के तथ्यात्मक प्रमाण बन रहे हैं।
मंडली भद्र और उनकी पत्नी को जर्मन भाषा में हमारे प्रकाशनों की जिम्मेदारी लेने के लिए जर्मनी जाना होगा। यह पहले ही तय हो चुका है, और समझा जाता है कि वे २७ जून को जा रहे हैं। इसलिए वे अपनी उपस्थिति द्वारा व्यक्तिगत रूप से आपकी मदद नहीं कर पाएंगे। हालाँकि, आप हंसदूत से पत्राचार कर सकते हैं, और वे कुछ दिनों के लिए अपनी संकीर्तन पार्टी के साथ वहाँ जा सकते हैं और आपके केंद्र को मजबूती से स्थापित करने में आपकी मदद कर सकते हैं। मैं इस संबंध में हंसदूत को भी पत्र लिख रहा हूं।
आपके पत्र के लिए मैं फिर से आपको धन्यवाद देता हूं। मुझे आशा है कि आप अच्छे हैं।
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र
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- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका से
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र जो लिखे गए - अमेरीका, न्यू वृंदाबन से
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका
- HI/श्रील प्रभुपाद के प्रवचन,वार्तालाप एवं पत्र - अमेरीका, न्यू वृंदाबन
- HI/श्रील प्रभुपाद के पत्र - आनंद को
- HI/1969 - श्रील प्रभुपाद के पत्र - मूल पृष्ठों के स्कैन सहित