HI/700427 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद लॉस एंजेलेस में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं

HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी
"यहां एक मौका है कि आप कृष्ण भावनामृत हो सकते हैं और अपने जीवन की सभी समस्याओं का हल कर सकते हैं। यदि नहीं, तो फिर से ८,४00,000 जन्म और मृत्यु के चक्र में पड़ेंगे। इससे वापस आने में कई, कई लाखों साल लग जायेंगे। जिस तरह से सूर्य का प्रकाश आप चौबीस..., बारह घंटे, चौबीस घंटे, सुबह, के बाद देख सकेंगे। सब कुछ एक प्रक्रिया है। प्रक्रिया। इसलिए यदि आप अपने आप को ऊपर उठाने का यह अवसर खो देते हैं, तो फिर आप इस प्रक्रिया में आते हैं। प्रकृति के कानून बहुत मजबूत है। दैवी ही एषा गुणमयी (भगी ७.१४)। जितनी जल्दी आप कृष्ण के सामने आत्मसमर्पण करते हैं, माम एवये प्रपद्यन्ते मायाम एता तरंती ते। ऐसा व्यक्ति भौतिक प्रकृति की इस प्रक्रिया को पार करने में सक्षम होता है।"
700427 - प्रवचन इशो मंगलाचरण - लॉस एंजेलेस