HI/700801 - कृष्णकांति को लिखित पत्र, लॉस एंजिलस
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
3764 वात्सका एवेन्यू
लॉस एंजेलिस, कैल. 90034
1 अगस्त, 1970
मेरे प्रिय कृष्णकांति,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 26 जुलाई, 1970 का पत्र मिला और उसे पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। मेरे बुक फंड हेतु जो 100 डॉलर का चेक तुमने संलग्न भेजा है, उसके लिए भी मैं तुम्हारा धन्यवाद करना चाहता हूँ। मैं उसे बहुत आनन्द के साथ स्वीकार करता हूँ, चूंकि हाल ही में हमने हमारे साहित्य की छपाई के लिए बहुत खर्चा किया है और हमारे पास में कई पांडुलीपियां प्रकाशन के लिए तैयार हैं।
मैं यह जानकर बहुत प्रसन्न हूँ कि तुम और श्रीमान् गजेन्द्र अब मेरी दो प्रिय पुत्रियों के साथ विवाहित हो। मेरा प्रस्ताव है कि हमारे मन्दिरों का संचालन विवाहित दम्पत्तियों द्वारा किया जाए। तो यह अब तुम्हारे लिए बहुत अच्छा है। कृपया कृष्ण द्वारा दिए गए इस अवसर को बहुत गंभीरता के साथ स्वीकार करो और अपने जीवन को इन्द्रीय तृप्ति में व्यर्थ न करो। मैं जानता हूँ कि तुम एक बहुत समझदार युवक हो और भगवान कृष्ण के बहुत गंभीर भक्त भी। अब तुम्हारे पास एक धर्मपत्नि है जो कि एक समझदार युवती है और भक्त है। तो शान्ति के साथ, सभी की सर्वोच्च भलाई के लिए, इस कृष्णभावनामृत आंदोलन को आगे बढ़ाते रहने का कार्य मिलजुलकर करते रहो। तो तुम पति-पत्नि कृपया मेरे व भगवान कृष्ण के आशीर्वाद स्वीकार करो और कृष्ण की दिव्य प्रेममयी सेवा में प्रसन्न रहो।
कृपया गजेन्द्र व उसकी धर्मपत्नि हेरापंचमी को मेरे आशीर्वाद अर्पण करना।
आशा है कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए.सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस:डी एस
श्रीमन् कृष्णकांति दास अधिकारी
इस्कॉन मंदिर
5516 रूजवेल्ट वे एन.5.
सिएटल, डब्ल्यूए 98105
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