HI/710320 प्रवचन - श्रील प्रभुपाद बॉम्बे में अपनी अमृतवाणी व्यक्त करते हैं
HI/Hindi - श्रील प्रभुपाद की अमृत वाणी |
"उसे यह देखना है कि क्या उसके पेशेवर कर्तव्य से, वह कृष्ण को संतुष्ट कर रहा है, बस इतना ही। संसिद्धिः हरि तोषणम (श्री.भा. ०१.०२.१३)। यही परीक्षा है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता की आप चाहे व्यापारी है या वकील, लेकिन आपके व्यवसाय की परीक्षा परम भगवान की संतुष्टि में हैं, तो यह आपकी पूर्णता है।" |
७१०३२० - प्रवचन - बॉम्बे |