HI/710325 - चित्सुखानंद को लिखित पत्र, बॉम्बे
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
शिविर:इस्कॉन
आकाश-गंगा भवन, 7 वीं मंजिल
89 वार्डन रोड
बॉम्बे -26 भारत
25 मार्च, 1971
मेरे प्रिय चित्सुखानन्द,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे तुम्हारा दिनांक 3 मार्च, 1971 का पत्र मिला है और मैंने इसे पढ़ा है। मैं यह जानकर बहुत प्रसन्न हूँ कि तुम एअ-ए में हो और मैक्सिको सिटी में एक केन्द्र खोलने की योजना के अंतिम चरण पर चर्चा कर रहे हो। यह एक बहुत उत्साहवर्धक समाचार है। मैं इस बारे में उत्सुक हूँ कि हम पूरे भूगोल के बड़े नगरों में अपने केंद्रों की स्थापना करें और मैक्सिको सिटी वास्तविकता में एक मील का पत्थर है। तुम और तुम्हारी धर्मपत्नी चंद्राबली, स्पैनिश भाषा अच्छी तरह से जानते हो। तो अवश्य ही तुम ऐसे कार्य के योग्य हो।
मैं इस बात से भी हर्षित हूँ कि तुमने बीटीजी के स्पैनिश संस्करण पर काम करना आरंभ कर दिया है। दरसल हम चाहते हैं कि, बीटीजी सारी वरिष्ठ भाषाओं में छपे और विश्व भर में वितरित हो, जिससे हमारे आंदोलन में सम्मिलित होने में भाषा का कोई अवरोध न रहे। तो तुम पति पत्नी वहां जाओ और मैक्सिको सिटी शाखा को एक बड़ी विराट सफलता बनाओ। और अवश्य ही कृष्ण तुमपर पूरी कृपा करेंगे। आशा करता हूँ कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/एडीबी
श्रीमन चित्सुखानंद दास अधिकारी
3764 वात्सका एवेन्यू
लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया 90034
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