HI/710417 - अद्वैत को लिखित पत्र, बॉम्बे
त्रिदंडी गोस्वामी
ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी
संस्थापक-आचार्य:
अंतर्राष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ
पी. ओ. बॉक्स
किला, बॉम्बे -1
भारत
17 अप्रैल, 1971
मेरे प्रिय अद्वैत,
कृपया मेरे आशीर्वाद स्वीकार करो। मुझे आशा है कि स्वयं तुम्हारे, तुम्हारी धर्मपत्नि के, तुम्हारे बच्चे के और इस्कॉन प्रेस के विषय में सबकुछ ठीक चल रहा है। मुझे कुछ समय से तुमसे कोई समाचार नहीं मिला है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम कृष्ण की पराभौतिक सेवा में संतुलित रूप से प्रगति कर रहे हो।
जैसा कि तुम्हें ज्ञात है, मैंने भगवद्गीता यथारूप की छपाई के विषय में दाई निप्पॉन को लिखा है, किन्तु मैं नहीं जानता कि पाण्डुलिपि की वास्तविक स्थिति क्या है। और न ही मैं यह जानता हूँ कि तुम इस पुस्तक को दाई निप्पॉन से छपवाना चाहते हो, या इस्कॉन प्रेस से। सैन फ्रांसिस्को में भारतीय छपाई के खर्च के लिए $20,000 देना चाहते थे। तो फिलहाल क्या स्थिति है? क्या तस्वीरें तैयार हैं? विषय सूचि, संस्कृत व अंग्रेज़ी संपादन, अनुपस्थित तात्पर्य, लेआउट, मुद्रायोजन आदि??
कृपया मुझे जवाबी डाक के द्वारा सही सही जानकारी दो। तुम तो जानते ही हो कि मैं भगवद्गीता यथारूप के इस विस्तृत संस्करण को देखने के लिए कितना उत्सुक हूँ। और साथ ही विश्व के सभी कोनों से हमसे इस पुस्तक के लिए अनुरोध किया जा रहा है। तो बाकी सब भी उत्सुक हैं।
आशा है कि यह तुम्हें अच्छे स्वास्थ्य में प्राप्त हो।
सर्वदा तुम्हारा शुभाकांक्षी,
(हस्ताक्षरित)
ए. सी. भक्तिवेदान्त स्वामी
एसीबीएस/डीएस
श्रीमन् अद्वैत दास अधिकारी
श्री श्री राधाकृष्ण मंदिर
इस्कॉन प्रेस
439 हेनरी स्ट्रीट
ब्रुकलिन हाइट्स, एन.वाई.
अमेरीका
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